भारतीय क्रिकेट टीम के सफलतम गेंदबाजों में शुमार रविन्दर जाडेजा के घर में विश्वकप शुरू होने से पहले ही गृहयुद्ध छिड़ गया है। घर के भीतर ही राजनैतिक गुटबाजी शुरू हो गयी है।
भारतीय क्रिकेट टीम के सफलतम गेंदबाजों में शुमार रविन्द्र जाडेजा के घर में विश्वकप शुरू होने से पहले ही गृहयुद्ध छिड़ गया है। घर के भीतर ही राजनैतिक गुटबाजी शुरू हो गयी है। लिहाजा लोकसभा चुनाव में घर में बहू(जाडेजा की पत्नी) बीजेपी का प्रचार कर रही हैं तो ननद (जाडेजा की बहन) कांग्रेस का झंडा उठाकर बीजेपी की नीतियों को कोस रही हैं।
असल में रविन्द्र जाडेजा की ने थामा कांग्रेस का दामन थाम लिया है। जबकि कुछ दिन पहले ही उनकी पत्नी ने बीजेपी की सदस्यता ली। हालांकि ये पहले ही से कयास लगाए जा रहे थे कि उनकी पत्नी रीवाबा बीजेपी का दामन थामेंगी और चुनाव लड़ेगी। हालांकि पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। लेकिन माना जा रहा है कि उनकी पार्टी में सक्रियता को देखते हुए उन्हें लोकसभा चुनाव के कोई पद दिया जा सकता है।
लेकिन अब जाडेजा के घर पर परिवार के लोग एक दूसरे आमने सामने हैं। क्योंकि जाडेजा की बहन ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है और वह पार्टी का प्रचार कर रही हैं। गौरतलब है कि जाडेजा के पिता भी कांग्रेस से जुड़े हुए हैं। जाडेजा की सबसे बड़ी बहन नैनाबा ने कांग्रेस की सदस्यता ले ली है। नैनाबा ने कालावड़ में कांग्रेस के एक कार्यक्रम में आज पिता अनिरुद्ध सिंह जाडेजा की मौजूदगी में पार्टी का दामन थाम लिया। नैनाबा हालांकि पहले से ही राजनीति में सक्रिय थी और वह नवगठित ऑल वूमन्स पार्टी की सदस्य भी थी।
फिलहाल जाडेजा की बहन गुजरात की सभी 26 सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों का प्रचार करेंगी। राज्य में बीजेपी सभी सीटों को जीतने का लक्ष्य लेकर चल रही है। लेकिन कांग्रेस को राज्य में लगातार झटके मिल रहे हैं। पार्टी के कई विधायकों ने हाल ही में कांग्रेस को छोड़ दिया है और बीजेपी में शामिल हो गए हैं। जबकि पाटीदार नेता हार्दिक पटेल अब चुनाव नहीं लड़ सकेंगे।