भाजपा के नकारा नेता-मंत्रियों पर लटकी प्रधानमंत्री मोदी के जनसंपर्क की तलवार

By Siddhartha RaiFirst Published Jan 18, 2019, 7:10 PM IST
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'माय नेशन' को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के अनुसार नमो ऐप से संबंधित भाजपा कार्यकर्ताओं की एक बड़ी फ़ौज संजीदगी और दबे पांव पार्टी के जमीनी संगठन से टिकटार्थियों और मौजूदा सांसदों का रिपोर्ट कार्ड ले रही है। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पार्टी के नाकारा नेताओं और मंत्रियों के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया है। अब जबकि चुनाव में चंद महीने बचे हैं प्रधानमंत्री ने अपने नमो मोबाइल ऐप पर लोकसभा सीटों पर जनता से उनके प्रतिनिधि के बारे में राय मांगी है। उन्होंने लोगों से यह भी पूछा है कि उनके संसदीय क्षेत्र में कौन तीन बड़े और लोकप्रिय भाजपा नेता हैं। इस कवायद से पार्टी के अंदर खलबली मच गई है। कई दिग्गज नेता अपने मंत्रित्व और अपना टिकट बचाने की कोशिश में लग गए हैं।  

नमो एप से जुड़े सूत्रों ने 'माय नेशन' को जानकारी दी कि पिछली लोकसभा से इस बार कम से कम आधे नेताओं के टिकट काटने की भारी संभावना है। 'माय नेशन' ने सबसे पहले रिपोर्ट किया था की प्रधानमंत्री इस बार के चुनावों में नमो ऐप को एक बड़े कारगर और धारदार राजनैतिक हथियार की तरीके से उपयोग करना चाहते हैं। इस सर्वे का नाम है 'पीपुल्स पल्स'।

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'माय नेशन' को यह भी बताया गया कि जहां भाजपा इससे पहले चुनावों में बाहर की एजेंसियों से टिकटार्थियों का सर्वे करवाती आई है वहीं इस बार नमो ऐप पर आए जनता के मत टिकट वितरण में भारी खेल कर सकते हैं।  'माय नेशन' के पास एक्सक्लूसिव जानकारी है कि नमो ऐप से संबंधित भाजपा कार्यकर्ताओं की एक बड़ी फ़ौज संजीदगी से और दपे पांव पूरे भाजपा संगठन से भी टिकटार्थियों और मौजूदा सांसदों का रिपोर्ट कार्ड ले रही है। कवायद कितने सीरियस तरीके से चल रही है यह इसी से पता चलता है कि नमो ऐप के वॉलंटियर बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से भी फीडबैक ले रहे हैं।  

नमो ऐप से संबंधित एक सूत्र ने 'माय नेशन' को बताया कि 'प्रधानमंत्री मोदी ऐसे नेता हैं जिनका स्वभाव है जनता से सीधा संबंध साधना। उन्हें जनता से सीधे बात करने की आदत है। यह सर्वे इसी बात का एक उदाहरण है। जनता को छोड़कर न तो उनका कोई खास है। उनके लिए जनता से बड़ा कोई धर्म नहीं है। इसलिए ऐप के जरिये जनता उन तक पहुंच सकती है और वो जनता तक।'

नमो ऐप से जुड़े लोग तरफ से आए फीडबैक को सीधे प्रधानमंत्री मोदी को प्रेषित करते हैं। 'माय नेशन' को यह भी जानकारी मिली है कि इस बार का चुनाव प्रचार तकनीक पर लड़ा जाएगा। यहां नमो ऐप की भूमिका और भी बढ़ जाती है। ऐसा देखने में भी आया है कि पिछले दिनों प्रधानमंत्री ने नमो ऐप के ही जरिये देश के अलग अलग भागों में बैठे कार्यकर्ताओं से सीधे बातचीत की है।  

नमो ऐप प्रधानमंत्री मोदी का अपना व्यक्तिगत मोबाइल ऐप है। नमो ऐप से जुड़े कार्यकर्ता ने बताया,  'नमो ऐप की सबसे बड़ी खासियत यह है कि तकनीक को इस्तेमाल करते हुए चुनाव प्रचार का खर्चा बहुत ही कम हो जाता है। वहीं दूसरी ओर कम से कम खर्च में जनता से सीधा संवाद स्थापित हो जाता है। एक रैली के आयोजित करने में बहुत समय और कार्यकर्ताओं का बहुत परिश्रम लगता है।  नमो ऐप से एक ही जगह से प्रधानमंत्री देश के कई कोनों में लोगों और कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाते हैं।' 
 

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