जियो को चुनौती देने के लिए एयरटेल तैयार कर रहा 'महागठबंधन'

By Rahul Misra  |  First Published Apr 11, 2019, 5:46 PM IST

भारती एयरटेल ने सिंगापुर टेलीकम्युनिकेशन और वॉरबर्ज पिंकस के साथ मिलकर ‘महागठबंधन’ बनाने की पहल की है जिससे तीनों कंपनियां मिलकर अपने क्षेत्र में दिग्गज जियो को चुनौती दे सकें। 

मार्च 2019 में जारी ट्राई की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2016 में रिलायंस जियो के लॉन्च के बाद 2019 में पहली बार टेलीकॉम मार्केट के पुराने दिग्गज एयरटेल ने जियो को पीछे छोड़ने का काम किया है। एयरटेल ने दिसंबर 2018 के आंकड़ों में जियो से अधिक मोबाइल ब्रॉडबैंड यूजर एकत्र करने का काम किया है। एयरटेल ने इस उपलब्धि के बाद अब जियो को डिजिटल टीवी और होम ब्रॉडबैंड मार्केट में चुनौती देने की पहल की है।

भारती एयरटेल ने सिंगापुर टेलीकम्युनिकेशन और वॉरबर्ज पिंकस के साथ मिलकर ‘महागठबंधन’ बनाने की पहल की है जिससे तीनों कंपनियां मिलकर अपने क्षेत्र में दिग्गज जियो को चुनौती दे सकें। इस रणनीति के जरिए एयरटेल ने अपने होम ब्रॉडबैंड और डिजिटल टीवी सेग्मेंट में इजाफा करने के लिए गंभीर चुनौतियों से घिरी डिश टीवी में लगभग 61 फीसदी की हिस्सेदारी खरीदने के लिए बातचीत शुरू कर दी है। डिश टीवी कंपनी जी टीवी समूह के संस्थापक सुभाष चंद्रा की है। इसके अलावा एयरटेल ने अपने टीवी और ब्रॉडबैंड सेग्मेंट को मजबूत करने के लिए ओपन ऑफर के जरिए भी डिश टीवी में अलग से 26 फीसदी हिस्सेदारी लेने की योजना पर बातचीत शुरू की है।

इस बातचीत से जुड़े लोगों का मानना है कि इस खरीदारी के बाद भारती एयरटेल अपने टीवी बिजनेस कंपनी भारती टेलीमीडिया का रिवर्स मर्जर शेयर बाजार में लिस्टेड डिश टीवी के साथ करने की योजना पर काम कर रहा है।  कंपनी में टेलिकॉम और टेलिवीजिन मार्केट के जानकारों का कहना है कि यदि एयरटेल यह सौदा करने में कामयाब हो जाता है तो इससे संकट के दौर से गुजर रहे जी मीडिया समूह को बड़ा राहत मिलेगी। 

आर्थिक संकट के चलते जी समूह डिश टीवी में 82.05 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए मजबूर है। डिश के अलावा इस संकट के चलते जी समूह अपने जी एंटरटेनमेंट कंपनी में भी 59 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए तैयार है। 

जानकारों के मुताबिक, एयरटेल की इस कवायद के इतर भी जी समूह अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए कुछ अन्य कंपनियों से भी संपर्क में है। गौरतलब है कि जी समूह के एसेल ग्रुप पर कुल 17,174 करोड़ रुपये का कर्ज है जिसमें समूह की लिस्टेड और गैर लिस्टेड कंपनियों का कर्ज भी शामिल है।

रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर 2018 तक देश में जियो के पास कुल 280.12 मिलियन यूजर थे जो बढ़कर मार्च में 289.44 मिलियन हो गए हैं। लिहाजा इस दौरान जहां जियो ने 93.2 लाख नए यूजर जोड़े हैं वहीं इसी समय में एयरटेल ने 99.7 लाख यूजर जोड़ते हुए पहली बार रफ्तार में जियो को पिछाड़ने का काम किया है। जानकारों का दावा है कि 2016 में जियो से मिली मात की भरपाई करने और एक बार फिर बादशाहत कायम करने के लिए एयरटेल ऐसे महागठबंधन की रणनीति पर काम कर रहा है। 

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