सितंबर 2018 में जालंधर में मकसूदन पुलिस स्टेशन पर हैंड ग्रेनेड से हमला किया गया था। पुलवामा में मारे गए दो आतंकियों ने जालंधर के एक निजी इंजीनियरिंग कॉलेज के दो छात्रों के साथ मिलकर इसे अंजाम दिया था।
पिछले काफी समय से पंजाब को दहलाने की साजिश रच रहे जाकिर मूसा गैंग को बड़ा झटका लगा है। पुलवामा के त्राल में हुए एनकाउंटर में सुरक्षा बलों ने जाकिर मूसा के संगठन अंसार गजवत उल हिंद के छह आतंकियों को मार गिराया।
मारे गए आतंकियों में दो आतंकी वो भी थे, जो मूसा के 'पंजाब मिशन' को अमली जामा पहनाने की साजिश का हिस्सा थे। इस साल सितंबर में जालंधर में मकसूदन पुलिस स्टेशन पर हैंड ग्रेनेड से हमला किया गया था। दोनों ने एक निजी इंजीनियरिंग कॉलेज के दो छात्रों के साथ मिलकर इसे अंजाम दिया। अंसार गजवत उल हिंद को भारत में आईएस का मुखौटा माना जाता है। इसे आईएसजेके भी कहा जाता है।
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पंजाब पुलिस के जालंधर के डीसीपी गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने बताया कि काफी समय से इन दोनों आतंकियों की तलाश थी। उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस की तरफ से उन्हें आधिकारिक तौर पर यह सूचना दी गई है कि मकसूदन पुलिस स्टेशन पर आतंकी हमले की साजिश रचने वाले दोनों आतंकियों को पुलिस ने अन्य सुरक्षा बलों के साथ मिलकर पुलवामा एनकाउंटर में मार गिराया है।
14 सितंबर को जालंधर में मकसूदन पुलिस स्टेशन पर अंसार गजवत उल हिंद के आतंकियों ने हैंड ग्रेनेड से हमला किया था। जांच के बाद पंजाब पुलिस ने चार आतंकियों के इस साजिश में शामिल होने का खुलासा किया था। इनकी पहचान शाहिद, फाजिल, उमर रमजान मीर और रऊफ अहमद मीर के रूप में हुई थी। पुलिस ने 2 आतंकियों, शाहिद और फाजिल को पंजाब के एक निजी इंजीनियरिंग कॉलेज से गिरफ्तार कर लिया था, ये दोनों यहां बीटेक सिविल की पढ़ाई करते थे। वहीं बाकी दो पुलवामा एनकाउंटर में मारे गए।
पंजाब पुलिस के अधिकारी ने बताया कि पुलवामा एनकाउंटर में मारे गए उमर रमजान मीर और रऊफ अहमद मीर ट्रेंड आतंकी थे। 13 सितंबर को श्रीनगर से चंडीगढ़ पहुंचकर उन्होंने ही पुलिस स्टेशन पर आतंकी हमले को अंजाम दिया था। इन दोनों आतंकियों के खात्मे से अंसार गजवत उल हिंद को बड़ा झटका लगा है क्योंकि यही दोनों आतंकी पंजाब में जाकिर मूसा के साथ मिलकर बड़ी साजिश को अंजाम देने की फिराक में थे। कश्मीर में इन दोनों आतंकियों के खात्मे के बाद पंजाब पुलिस को उम्मीद है कि अब खालिस्तानी संगठनों के साथ-साथ अंसार गजवत उल हिंद की कई बड़ी साजिश विफल हो जाएंगी।