पुलवामा हमले के बदले का वक्त करीब, कश्मीर में तनाव, ट्रंप ने ‘कुछ बड़ा’ होने का संकेत दिया

By Siddhartha Rai  |  First Published Feb 23, 2019, 6:40 PM IST

केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पुलवामा हमलों को बदला लेने के लिए कुछ बड़ा कदम उठा सकती है। यह कदम अगले 24 से 48 घंटों के बीच उठाया जा सकता है। मोदी सरकार में माय नेशन के सूत्रों ने जानकारी दी है कि केन्द्र सरकार बहुआयामी कार्रवाई पर विचार कर रही है। इसके अलावा कश्मीर के अशांत जिलों में सख्ती बढ़ा दी गई है, जहां किसी तरह की कार्रवाई होने पर विरोध प्रदर्शन की आशंका है। 

सूत्रों ने बताया है कि 100 कंपनियां यानी लगभग 12 हजार अर्द्धसैनिक बलों को शुक्रवार को घाटी में भेजा गया है। जो कि भारत द्वारा कार्रवाई किए जाने की स्थिति में हालात को संभालेंगे। शुक्रवार की रात यासीन मलिक और जमात ए इस्लामी के 30 अन्य अलगाववादी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया। कईयों को नजरबंद रखा गया है। 

केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने सभी कार्य और यात्राएं स्थगित कर दी हैं। सरकार के वरिष्ठ सदस्य भी कुछ इसी तरह के कदम उठा रहे हैं। 
 
बीएसएफ को दोबारा भेजा गया

शुक्रवार की पूरी रात कार्रवाई चलती रही। हेलीकॉप्टरों की गड़गड़ाहट से लगातार चल रही कार्रवाई का अंदाजा लगाया जा सकता था। खास बात यह रही कि बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स, जिसे अगस्त 2016 में घाटी से हटा लिया गया था, उसे फिर से तैनात कर दिया गया है। 

इस तैनाती का उद्देश्य सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 35-ए पर होने वाली सुनवाई के दौरान सुरक्षा व्यवस्था बहाल रखना बताया जा रहा है। सरकार ने भी यही तर्क दिया है।

जम्मू कश्मीर स्टडी सेन्टर की मीडिया डायरेक्टर आभा खन्ना ने बताया कि ‘वैसे तो सोमवार को अनुच्छेद 35-ए पर कोई फैसला आने की उम्मीद नहीं है। लेकिन अलगाववादियों और उनके भाड़े के टट्टूओं ने इस मुद्दे पर लोगों को भड़काना शुरु कर दिया है। वह इस बात से परेशान हैं कि मामला आगे बढ़ रहा है।’
 
जम्मू कश्मीर स्टडी सेन्टर संघ समर्थक एक संस्थान है, जो कि आर्टिकल 35-ए को हटाने की मांग काफी समय से कर रहा है। 

सरकार के सूत्रों ने जानकारी दी है कि इस बात की भी प्रबल संभावना है कि आर्टिकल 35-ए को हटाने के लिए सरकार अध्यादेश भी ला सकती है। शायद इसीलिए इतनी भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं। 
 
सारे विकल्प खुले हुए हैं

इसके अलावा माय नेशन को यह भी सूचना मिली है कि मोदी सरकार पुलवामा हमले का बदला लेने का भी मन बना रही है। 
सरकार की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन जुटाने की कवायद रंग दिखाने लगी है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् भारत के साथ खड़ा है। इजरायल ने भारत को असीमित समर्थन देने का ऐलान किया है। रुस अमेरिका, फ्रांस और इंग्लैण्ड ने सुरक्षा परिषद् में भारत का साथ दिया। 

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने तो शुक्रवार को बयान दिया कि ‘भारत कुछ कठोर कदम उठा सकता है। उन्होंने हमले में लगभग 50 लोगों को गंवाया है। इसलिए हम उनकी भावनाएं समझ सकते हैं।’

वहीं संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् ने इस हमले की निंदा करते हुए इसे ‘कायरतापूर्ण और घृणित’ बताया है। फ्रांस,इंग्लैण्ड और अमेरिका ने सुरक्षा परिषद् में जैश ए मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने के लिए प्रस्ताव लाने का फैसला किया है। जैश ए मोहम्मद ने ही पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी ली थी। 

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