क्या राफेल डील पर मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए यूरोपीय लड़ाकू विमान बनाने वालों से मिले भारतीय नेता?

By Team Mynation  |  First Published Sep 30, 2018, 4:50 PM IST

मीडिया के गलियारों में चर्चा है कि राफेल मुद्दे पर मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए लड़ाकू विमान बनाने वाली यूरोपियन कंपनी के एक बड़े अधिकारी से भारत के कुछ सीनियर नेताओं ने पिछले साल अगस्त में मुलाकात की।
 

मीडिया में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि लड़ाकू विमान बनाने वाली कंपनी के एक अधिकारी ने राफेल मुद्दे को उठाने के लिए भारत के दो प्रमुख राजनीतिक दलों के पांच नेताओं से मुलाकात की ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की छवि खराब की जा सके। चूंकी, यूरोपीय फर्म यह चाहता था कि राफेल सौदा परवान ही ना चढ़े। 

पत्रकार विकास भदौरिया ट्वीट करते हैं कि " बड़ी लड़ाकू विमान कंपनी के सेल्स डायरेक्टर दो दलों के सीनियर नेताओं से मिले ताकि यह मामला इस तरह उछले की प्रधानमंत्री और सरकार की छवि धूमिल हो और इसके बाद डील कैंसिल होने की सूरत में कंपनी, आर्म्स डीलरों और राजनीतिक दलों को फायदा हो, इसका पता लगाया जाय"।

 

Sales Director of a big company of fighter aircraft's met five senior leaders of two diffrent parties to raise the Rafale issue to malign the image of govt & so that both company/weapon dealer & political party is benefited if the deal gets cancelled.plz find out pic.twitter.com/i5X2hkD9KT

— Vikas Bhadauria ABP (@vikasbha)

विकास भदौरिया  ने एक और ट्वीट किया है कि पिछले साल के अगस्त महीनें में जर्मनी के हैम्बर्ग में कंपनी का कंपनी के एक्जक्यूटिव भारत के सीनियर लिडर से मिले जिनके साथ दो और नेता भी थे। भदौरिया आरोप लगाते हैं कि एक घंटे की बैठक के दौरान, दोनों पक्षों ने राफले सौदे को घोटाले के रूप में आगे बढ़ाने पर चर्चा की।

अनुभवी पत्रकार कंचन गुप्ता ने भी इस मुद्दे के बारे में ट्वीट किया है कि, "एक स्टील टाइकून ने हैम्बर्ग में यूरोपियन डिफेंस कंपनी के प्रतिनिधियों और भारतीय नेताओं के बीच इस मीटिंग का आयोजन करवाया (जो कि तीसरे देश में आयोजित हुई थी)। ऐसी चर्चा है"।

 

A steel tycoon set up the Hamburg meeting (which happened in a third country) between reps of an European defence MNC and Indian politicians? That's the buzz. https://t.co/0LUYgIgEb7

— Kanchan Gupta (@KanchanGupta)


इस महीने की शुरुआत में, माय नेशन ने खबर प्रकाशित की थी कि राफले सौदे के विवाद को उठाने से पहले, एक वरिष्ठ भारतीय राजनेता ने अमेरिकी हथियार निर्माताओं के साथ बैठकें की थीं।

 
 

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