जानें कैसे राहुल गांधी का ही फरमान बन गया उनकी मुसीबत

By Team MyNation  |  First Published Jun 6, 2019, 9:42 AM IST

असल में चुनाव से पहले राहुल गांधी ने मुख्यमंत्रियों को आदेश दिया था कि अगर लोकसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी की हार होती है तो उस जिले के प्रभारी मंत्री को कैबिनेट से हटा दिया जाएगा। लेकिन अब यही फैसला उनकी मुसीबत बन गया है। लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद अब राजस्थान में अशोक सरकार के मंत्री ने उनके ही खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का फरमान अब उनकी ही मुसीबत बन गया है। राहुल गांधी ने चुनाव से पहले कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को फरमान सुनाया था कि जिन जिलों में प्रभारी मंत्री हैं। वहां पर अगर पार्टी हारती है तो मंत्रियों को कैबिनेट से बाहर कर दिया जाएगा। लेकिन उनका यही फरमान उनकी मुसीबत बन गया है। क्योंकि मंत्री हार के लिए मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

असल में चुनाव से पहले राहुल गांधी ने मुख्यमंत्रियों को आदेश दिया था कि अगर लोकसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी की हार होती है तो उस जिले के प्रभारी मंत्री को कैबिनेट से हटा दिया जाएगा। लेकिन अब यही फैसला उनकी मुसीबत बन गया है। लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद अब राजस्थान में अशोक सरकार के मंत्री ने उनके ही खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

जबकि पंजाब में सिद्धू कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। राहुल के इस आदेश के साथ ही राज्य सरकार भी मुसीबत में। मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार की कैबिनेट मंत्री इमरती देवी भी मुख्यमंत्री के खिलाफ बयान दे चुकी है।

इमरती देवी ने पिछले दिनों कहा था कि राज्य की कमान ज्योतिरादित्य सिंधिया को दे देना चाहिए। जबकि वहां पर सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायक भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। वहीं छत्तीसगढ़ में भी भूपेश बघेल के खिलाफ कांग्रेस के विधायक हैं। क्योंकि बघेल मुख्यमंत्री होने के साथ ही प्रदेश अध्यक्ष भी हैं।

राहुल गांधी ने ये भी आदेश दिया था कि अगर प्रत्याशी जीतता है तो प्रभारी मंत्री का प्रमोशन होगा। लिहाजा पंजाब में कई मंत्रियों को अपने प्रमोशन की उम्मीद है। इसके लिए राज्यमंत्री कैप्टन से मिल कर अपना दावा भी कर चुके हैं। वहीं कैप्टन खुले आम पंजाब में पार्टी की हार के लिए नवजोत सिंह सिद्धू को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। 

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