इससे पहले अदिति सिंह उन नेताओं में शुमार थी। जिन्होंने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने में केन्द्र सरकार की तारीफ की थी। हालांकि कांग्रेस इसके खिलाफ थी। लेकिन अब अदिति सिंह ने कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। क्योंकि दो अक्टबूर को कांग्रेस के विधायक यात्रा और धरने पर थे। लेकिन अदिति सिंह ने यूपी सरकार द्वारा बुलाए गए विशेष सत्र में हिस्सा लिया। अदिति ने सत्र में भाषण भी दिया। असल में कांग्रेस पार्टी के साथ ही सभी विपक्षी दलों ने दो अक्टूबर को आयोजित उत्तर प्रदेश विधानसभा के विशेष सत्र के बहिष्कार करने की फैसला किया था।
लखनऊ। रायबरेली से कांग्रेस की विधायक और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की करीबी अदिति सिंह कांग्रेस के खिलाफ हो गई हैं। कांग्रेस के फैसले के लिए खिलाफ अदिति सिंह बुधवार को यूपी विधानसभा के विशेष सत्र में हिस्सा लिया और भाषण दिया। जबकि कांग्रेस ने इसमें हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया था। यही नहीं अदिति सिंह की कांग्रेस को छोड़ने की अटकलें तेज हो गई हैं।
इससे पहले अदिति सिंह उन नेताओं में शुमार थी। जिन्होंने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने में केन्द्र सरकार की तारीफ की थी। हालांकि कांग्रेस इसके खिलाफ थी। लेकिन अब अदिति सिंह ने कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। क्योंकि दो अक्टबूर को कांग्रेस के विधायक यात्रा और धरने पर थे। लेकिन अदिति सिंह ने यूपी सरकार द्वारा बुलाए गए विशेष सत्र में हिस्सा लिया। अदिति ने सत्र में भाषण भी दिया।
असल में कांग्रेस पार्टी के साथ ही सभी विपक्षी दलों ने दो अक्टूबर को आयोजित उत्तर प्रदेश विधानसभा के विशेष सत्र के बहिष्कार करने की फैसला किया था। ये ऐलान कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू ने किया था। लेकिन अदिति सिंह ने कांग्रेस को झटका देते हुए विशेष सत्र में हिस्सा लिया। अदिति सिंह रायबरेली सदर सीट से कांग्रेस की विधायक हैं।
हाल ही में उनके पिता अखिलेश सिंह का निधन हुआ। अदिति सिंह के पिता इस सीट पर कई सालों तक विधायक रहे हैं। गौरतलब है कि महात्मा गांधी 150वीं जयंती पर यूपी विधानमंडल का विशेष सत्र 36 घंटे तक चलेगा। राज्य के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है। जब किसी खास अवसर पर सदन की कार्यवाही लगातार 36 घंटे तक चलेगी।
हालांकि पूरे विपक्ष ने इसका बहिष्कार करने का फैसला किया है। अदिति सिंह ने कहा कि उन्होंने अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले पर सरकार का समर्थन किया था और मेरे पिता जो मुझे शिक्षा दी है, उस पर मैं अमल करती हूं। उन्होंने कहा कि दलगत भावना से ऊपर उठकर राष्ट्रपिता के सम्मान के लिए वह सदन में आई हैं।