रेलवे की महत्वाकांक्षी हाईस्पीड ट्रेन ट्रायल में ही फेल होने की खबर झूठी

चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आइसीएफ) के जिस विद्युत ट्रैक पर ट्रायल चल रहा था, वहां फैले हाई वोल्टेज के कारण साथ खड़े दो इंजन और एक ईएमयू तक क्षतिग्रस्त हो गए। कुछ ऐसी खबर आज कई समाचार संस्थानों ने छापी। लेकिन यह खबर झूठी है। 

Railway's ambitious high speed T-18 train  fails during trial

अंबाला-- रेलवे की महत्वाकांक्षी इंटरसिटी ट्रेन परियोजना ट्रेन-18 ट्रायल के दौरान फेल होने की खबर गलत निकली। कई समाचार संस्थानों ने यह खबर छापी थी, कि इस ट्रेन के रीजनरेशन टेस्ट के दौरान हाई वोल्टेज आ जाने के कारण ट्रेन सेट के इलेक्ट्रिकल व अन्य पार्ट्स जल गए। 

खबर यह भी थी कि चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आइसीएफ) के जिस विद्युत ट्रैक पर ट्रायल चल रहा था, वहां फैले हाई वोल्टेज के कारण साथ खड़े दो इंजन और एक ईएमयू तक क्षतिग्रस्त हो गए। इस घटना में एसएमटी सर्किट को भी क्षति पहुंची। लेकिन यह खबर गलत निकली। इस बारे में चेन्नई कोच फैक्ट्री ने बयान जारी करके बताया है कि ऐसा कुछ नहीं हुआ। 

यह ख़बर बिल्कुल झूठी और मनगढ़ंत है।परीक्षण शुरू होने से पहले ही एक ट्रेन
कैसे असफल हो सकती है?सवारी डिब्बा कारखाना(आईसीएफ)से प्रेषित की
जानेवाली किसी भी नई ट्रेन को अलग लोकोमोटिव से ले जाया जाता है।नियमित
सेवा में लाए जाने के बाद ही उसके लिए सेल्फ प्रोपल्शन का उपयोग किया जाता
है।

— Integral Coach Factory Chennai (@proicfindrlys)

रेल मंत्रालय का प्रयास है कि ट्रेन को हर हाल में इसी साल पटरी पर दौड़ाया जाए, जैसा कि इस परिजोयना के कोड यानी ट्रेन-18 का उद्देश्य भी था। 

भारतीय रेल की महत्वाकांक्षी टी-18 ट्रेन बुधवार को 2,150 किमी का सफ़र तय कर ट्रायल के लिए दिल्ली पहुंची. अब इस ट्रेन को मुरादाबाद रवाना किया जाएगा। 

फिर सहारनपुर और मुरादाबाद के बीच इसका ट्रायल होगा। बताया जा रहा है कि ट्रेन के सीटों पर बालू की बोरियां यात्रियों के स्थान पर रखी जाएगी। ताकि उसके असर को जांचा जा सके।

इससे पहले भी इस ट्रेन के ट्रायल के दौरान चार और पांच नवंबर के बीच में चेन्नई मंडल के अन्नानगर के पास हादसा हुआ था। इसे ट्रायल से जुड़े जिम्मेदार विभाग की गंभीर चूक बताया जा रहा है। ट्रायल फेल होने की घटना ने रेल अधिकारियों का चैन उड़ा दिया है।
 

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