पहले विरोध अब सत्ता की चाबी पाने के लिए उसी राह पर चल पड़ी राजस्थान कांग्रेस

By Rajkumar UpadhyayaFirst Published Sep 26, 2023, 11:34 AM IST
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राजस्थान विधानसभा चुनाव नजदीक है। कांग्रेस और भाजपा के शीर्ष नेताओं ने प्रदेश में सभाएं भी करनी शुरु कर दी हैं। टिकट के दावेदार भी अपने-अपने इलाकों में लगातार जनसंपर्क में जुटे हैं। वोटरों को लुभाने के लिए अलग अलग पैंतरे आजमाए जा रहे हैं।

जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव नजदीक है। कांग्रेस और भाजपा के शीर्ष नेताओं ने प्रदेश में सभाएं भी करनी शुरु कर दी हैं। टिकट के दावेदार भी अपने-अपने इलाकों में लगातार जनसंपर्क में जुटे हैं। वोटरों को लुभाने के लिए अलग अलग पैंतरे आजमाए जा रहे हैं। दोनों दलों के नेताओं में लोगों को लुभाने की होड़ मची हुई है। इन सबके बीच कांग्रेस प्रदेश में वही पैतरा आजमाने जा रही है, जिसके दम पर पीएम मोदी साल 2014 में वाहवाही लूटकर सत्ता में आए थे।

ब्लॉक और ग्राम पंचायत स्तर पर चाय पर चर्चा की तैयारी

हम बात कर रहे हैं पूर्व में बीजेपी के बहुचर्चित प्रोग्राम चाय पर चर्चा की। चाय देश में पानी के बाद सबसे ज्यादा पीये जाने वाला लोक​प्रिय पेय है। अक्सर आप सुनते होंगे की पीएम मोदी पहले चाय बेचते थे, अब कांग्रेस इसी चाय को राजस्थान में सत्ता की चाबी बनाने जा रही है। कांग्रेस राज्य में ब्लॉक और ग्राम पंचायत स्तर पर कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के साथ चाय पर चर्चा करने की तैयारी कर रही है। सभी ब्लॉक और ग्राम पंचायत स्तर पर इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।

हर नेताओं को लगानी होंगी कम से कम 5 चौपाल

इसके अलावा कांग्रेस नेता अपने-अपने इलाकों में चौपाल लगाएंगे। हर नेता को अपने इलाके में कम से कम 5 चौपाल लगानी होगी। प्रमुख तौर पर नगर पालिका, नगर परिषद और नगर निगम के नेताओं की इसमें अहम भूमिका होगी। हर चौपाल में करीबन 4 लाभार्थी परिवारों से बातचीत करनी होगी। इस तरह कांग्रेस की हर महीने में 1.20 लाख परिवारों तक पहुंचने की योजना है। वैसे कांग्रेस का मानना है इस प्रोग्राम के जरिए पार्टी आम लोगों के बीच में अपनी पैठ बनाएगी और राज्य में करीबन एक से डेढ़ करोड़ लोगों का जुड़ाव सीधे पार्टी से होगा। 

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