किस्मत कहें या कनेक्शन...पॉलिटिक्स में कदम रखते ही विधायकी का टिकट, अब सड़क पर दंडवत करते दिखें ये बिजनेसमैन

By Rajkumar Upadhyaya  |  First Published Oct 16, 2023, 6:51 PM IST

बीजेपी ने हालिया राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में 41 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है। तमाम सीटों पर कार्यकर्ताओं की नाराजगी भी झेलनी पड़ रही है। फतेहपुर सीट से बीजेपी ने एक बिजनेसमैन को टिकट दिया है। उन्होंने पहली बार पॉलिटिक्स में कदम रखा और तुंरत चुनाव लड़ने का मौका भी मिल गया।

rajasthan election 2023 After becoming bjp candidate from Fatehpur seat sikar businessman shravan kumar choudhary paid obeisance in sarnath temple zrua

सीकर। बीजेपी ने हालिया राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में 41 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है। तमाम सीटों पर कार्यकर्ताओं की नाराजगी भी झेलनी पड़ रही है। फतेहपुर सीट से बीजेपी ने एक बिजनेसमैन को टिकट दिया है। उन्होंने पहली बार पॉलिटिक्स में कदम रखा और तुंरत चुनाव लड़ने का मौका भी मिल गया। राजस्थान के सीकर जिले में इसकी बहुत चर्चा है।

शिक्षक श्रवण कुमार चौधरी को फतेहपुर से टिकट

दरअसल, बीजेपी ने फतेहपुर सीट से इंजीनियर और शिक्षक श्रवण कुमार चौधरी को टिकट दिया है। राजस्थान के एजूकेशन सेक्टर में उनका बड़ा कारोबार है। जयपुर और सीकर समेत कई जिलों में कोचिंग इंस्टीट्यूट हैं। जिनमें हजारों की संख्या में छात्र पढ़ते हैं। पिछले दिनों से वह टिकट पाने की कोशिश में पार्टी के दो बड़े शीर्ष नेताओं से लगातार संपर्क में थे।

सड़क पर दंडवत करते दिखें श्रवण चौधरी

अब फतेहपुर सीट से उनको टिकट मिल गया है। उसके बाद श्रवण चौधरी दंडवत यात्रा करते हुए दिखे हैं। एक हाथ में नारियल पकड़े हुए वह सड़क पर दंड करते हुए सारनाथ मंदिर से लक्ष्मी नारायण मंदिर तक पहुंचे हैं। श्रवण चौधरी का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। बीजेपी नेताओं का मानना है कि श्रवण चौधरी की लोक​प्रियता का फायदा पार्टी को मिलेगा और फतेहपुर सीट उनके खाते में आ जाएगी।

1980 से अब तक सिर्फ एक बार बीजेपी के खाते में आई सीट

फतेहपुर सीट की बात करें तो साल 1980 से लेकर अब तक बीजेपी सिर्फ एक बार ही यहां से जीत सकी है। यह भी एक बड़ी वजह बताई जा रही है। जिसके कारण श्रवण चौधरी को टिकट दिया गया है। बीजेपी ने साल 1993 में बनवारी लाल भिंडा को टिकट दिया था। तब उन्हें विजयश्री मिली थी। बीजेपी ने साल 1980 में एक स्थानीय पार्टी से गठबंधन भी किया था।‌ अब पार्टी ने श्रवण चौधरी पर भरोसा जताया है।

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