राजनाथ सिंह ने किया वरिष्ठ पत्रकार मनजीत नेगी की किताब "केदारनाथ से साक्षात्कार" का विमोचन

By Team MynationFirst Published Oct 11, 2018, 7:02 PM IST
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केदारनाथ में पांच साल पहले आई आपदा और उसके बाद लगातार चल रहे पुनर्निर्माण के काम की कहानी बताने वाली किताब के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दी शुभकामनाएं।

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने केदारनाथ में पांच साल पहले आई आपदा और उसके बाद लगातार चल रहे पुनर्निर्माण के काम की कहानी बताने वाली वरिष्ठ पत्रकार मनजीत नेगी की किताब "केदारनाथ से साक्षात्कार" का विमोचन किया है। उत्तराखंड में पहले इनवेस्टर्स समिट के दौरान गृहमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस किताब का विमोचन किया। 

किताब के लिए अपने शुभकामना संदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जीवट पत्रकारिता का यह पठनीय संकलन है। बेस्ट सेलर 'शिव त्रयी' लिखने वाले जाने-माने लेखक अमीश त्रिपाठी ने कहा है कि मैं सच्चा शिव भक्त हूं और आपको यह किताब जरूर पढ़नी चाहिए। जाने-माने फिल्मकार मधुर भंडारकर ने भी किताब के बारे में अपनी प्रतिक्रिया दी है। 

पांच साल पहले केदारनाथ में आई प्रलयकारी बाढ़ कभी न भूलने वाली घटना है। एक निजी चैनल में डिप्टी एडिटर मनजीत नेगी ने प्रकृति की इस विनाशलीला और उसके बाद केदारघाटी को उसका दिव्य और भव्य स्वरूप लौटाने के लिए चले भागीरथ प्रयास को देखने और कवर करने के अनुभवों को एक पुस्तक 'केदारनाथ से साक्षात्कार' के रूप में संकलित किया है। टीवी पत्रकार होने के नाते उन्होंने इस आपदा को कवर किया और पिछले पांच सालों में आपदा और पुनर्निर्माण के दौरान भी वह कई बार केदारनाथ गए। 

उन्होंने बताया, इस किताब को लिखने में 5 साल लग गए, जून 2013 में मैंने आपदा को देखा और जिया, हफ्तों उस इलाके की खाक छानता रहा, जब लोग केदारनाथ त्रासदी के बाद उस इलाके से निकल भागने के लिए हर जुगत लगा रहे थे, भगवान से दुआएं मांग रहे थे, मैं उसी इलाके में जाने के लिए जी जान लगा रहा था, ये मेरा पेशा, मेरा जुनून था। मेरी मातृभूमि उत्तराखंड के प्रति मेरा प्यार। मैने त्रासदी को जिया। 

एक ख्याल मेरे दिमाग में हमेशा रहा कि मौत के तांडव को इतने नजदीक से देखने के बाद मुझे इसे कलमबद्द जरूर करना चाहिए। लेकिन जब त्रासदी के बाद केदार घाटी को संवारने की कोशिशें शुरू हुई और वहां पुनर्निर्माण की कोपलों को फूटंते देखा तो लगा कि सिर्फ विध्वंस को ही नहीं पुनर्निर्माण की दास्तां को भी बयां करूंगा। यही 'केदारनाथ से साक्षात्कार' की शक्ल में सबके सामने है। मनजीत नेगी मूल रूप स उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के हैं। उनकी शिक्षा ऋषिकेश में हुई है। 

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