संजय सिंह के कांग्रेस छोड़ने पर पार्टी को बड़ा झटका लगा है। संजय सिंह गांधी परिवार के करीबी नेताओं में माने जाते थे। हालांकि संजय सिंह पहले भी कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुके हैं। वहीं संजय सिंह के कांग्रेस छोड़ने के बाद अमेठी में कांग्रेस को भी बड़ा झटका लगा है। क्योंकि उनके जाने से पार्टी का एक बड़ा वर्ग भाजपा में शिफ्ट हो जाएगा।
गांधी परिवार के करीबी नेताओं में शुमार और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया है। संजय सिंह ने तीन महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में सुल्तानपुर से भाजपा प्रत्याशी मेनका गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
अब अचानक संजय सिंह ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया है। उन्होंने राज्यसभा के सभापति को अपना इस्तीफा दिया और उसके बाद भाजपा में शामिल होने का ऐलान किया। संजय सिंह कल एक बार फिर भाजपा की सदस्यता लेंगे।
संजय सिंह के कांग्रेस छोड़ने पर पार्टी को बड़ा झटका लगा है। संजय सिंह गांधी परिवार के करीबी नेताओं में माने जाते थे। हालांकि संजय सिंह पहले भी कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुके हैं। वहीं संजय सिंह के कांग्रेस छोड़ने के बाद अमेठी में कांग्रेस को भी बड़ा झटका लगा है।
क्योंकि उनके जाने से पार्टी का एक बड़ा वर्ग भाजपा में शिफ्ट हो जाएगा। जबकि इस बार लोकसभा चुनाव वहां से राहुल गांधी हार चुके हैं। ऐसे में कांग्रेस को फिर से अमेठी में स्थापित करना कांग्रेस के लिए एक बड़ी चुनौती होगी।
संजय सिंह की पहली पत्नी गरिमा सिंह अमेठी से भाजपा विधायक हैं। वह कल भाजपा की सदस्यता लेंगे। संजय सिंह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस में 15-20 सालों से संवादहीनता की स्थिति बनी हुई है।
संजय सिंह को कांग्रेस ने असम से राज्यसभा का सांसद बनाया था और इस बार लोकसभा चुनाव में उन्होंने लोकसभा का भी चुनावा लड़ा था, लेकिन कामयाबी नहीं मिली है। संजय सिंह दूसरे राज्यसभा सांसद हैं, जिन्होंने भाजपा में शामिल होने के लिए उच्च सदन की सदस्यता से इस्तीफा दिया है।
इससे पहले सपा के राज्यसभा सांसद नीरज शेखर भी राज्यसभा से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो चुके हैं। इससे पहले संजय सिंह 1988 में कांग्रेस का साथ छोड़ा था और वह जनता दल में शामिल हो गए थे।
वहीं उसके बाद उन्होंने भाजपा का दामन थामा और उसके टिकट पर 1998 में लोकसभा का चुनाव अमेठी से जीते। इसके बाद 1999 में भी उन्हें यहीं से भाजपा ने टिकट दिया लेकिन उन्हें हार मिली।
क्योंकि यहां पर कांग्रेस ने सोनिया गांधी को मैदान में उतारा था और इस चुनाव में संजय सिंह को हार मिली। इसके बाद 2003 में संजय फिर कांग्रेस में शामिल हो गए। वहीं 2009 में वह दूसरी बार सुल्तानपुर से लोकसभा सांसद चुने गए।