कांग्रेस में आलाकमान के खिलाफ बागी बने पार्टी के मुस्लिम चेहरा गुलाम नबी आजाद से महासचिव का पद छीन लिया गया है। हालांकि इससे पहले पार्टी ने गुलाम नबी आजाद को बड़ा झटका दिया था।
नई दिल्ली। कांग्रेस में चिट्ठी विवाद के बाद कांग्रेस में बड़ा फेरबदल हुआ और कांग्रेस के बागी महासचिव गुलाम नबी आजाद को पार्टी ने महासचिव के पद से हटा दिया है। वहीं गांधी परिवार के करीबी रणदीप सिंह सुरजेवाला को महासचिव के पद पर नियुक्त किया है। कांग्रेस ने कई राज्यों में प्रभारियों को बदला है। वहीं प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश का प्रभारी महासचिव नियुक्त किया है जबकि असम के प्रभारी हरीश रावत को पंजाब का प्रभारी नियुक्त किया गया है।
कांग्रेस में आलाकमान के खिलाफ बागी बने पार्टी के मुस्लिम चेहरा गुलाम नबी आजाद से महासचिव का पद छीन लिया गया है। हालांकि इससे पहले पार्टी ने गुलाम नबी आजाद को बड़ा झटका दिया था। पार्टी ने राज्यसभा में नीति और फैसलों के लिए एक समिति का गठन किया था। जबकि पहले राज्यसभा के मसलों पर गुलाम नबी आजाद ही फैसले लेते थे। माना जा रहा है कि लगातार मिल रहे झटकों के बाद गुलाम नबी आजाद पार्टी से नाराज चल रहे हैं। पिछले दिनों सोनिया को लिखी चिट्ठी के बाद कांग्रेस के भीतर विवाद शुरू हो गया था और पार्टी में दो गुट बन गए थे। गांधी परिवार के वफादारों की मांग की थी कि बागी हो चुके नेताओं के खिलाफ कार्यवाही की जाए और उन्हें पार्टी से बाहर किया जाए। हालांकि पार्टी ने इस तरह का कदम नहीं उठाया। लेकिन बागियों की अगुवाई कर रहे गुलाम नबी आजाद के लगातार पर कतरे जा रहे हैं।
वहीं गुलाम नबी आजाद से महासचिव पद छिनकर पार्टी ने सुरजेवाला को दिया है। वहीं उन्हें कर्नाटक का प्रभारी भी नियुक्त किया है। वहीं सुरजेवाला का कद बढ़ाया गया है और वह अब कांग्रेस अध्यक्ष को सलाह देने वाली उच्च स्तरीय छह सदस्यीय विशेष समिति का हिस्सा हैं। इसके साथ ही पार्टी ने मधुसूदन मिस्त्री को केंद्रीय चुनाव समिति का अध्यक्ष बनाया है। वहीं पार्टी ने बड़ी बदलाव करते हुए कांग्रेस महासचिवों में मुकुल वासनिक को मध्य प्रदेश की, हरीश रावत को पंजाब की, ओमान चांडी को आंध्र प्रदेश की, तारीक अनवर को केरल और लक्षद्वीप की, जितेंद्र सिंह को असम की, अजय माकन को राजस्थान की नईजिम्मेदारी दी है। पंजाब में 2022 में चुनाव होने हैं। ऐसे में हरीश रावत को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है।