वर्तमान में खुदरा मुद्रास्फीति भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के संतोषजनक स्तर से ऊपर है। ऐसी स्थिति में, यह माना जाता है कि केंद्रीय बैंक नीतिगत दरों को बनाए रखने का निर्णय ले सकता है क्योंकि वे 2 दिसंबर से शुरू होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में हैं।
नई दिल्ली। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) 2 दिसंबर से मौद्रिक नीति समीक्षा के लिए दो दिवसीय बैठक आयोजित करेगा। बैठक में निर्णय 4 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे। माना जा रहा है कि इस बार केंद्रीय बैंक नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा। आसान शब्दों में, रिजर्व बैंक लगातार तीसरी बार नीतिगत दरों को बरकरार रखने का निर्णय ले सकता है। दरअसल, विशेषज्ञों का कहना है कि खुदरा मुद्रास्फीति की दर में वृद्धि के कारण, मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) फिर से ब्याज दरों में बदलाव नहीं करेगी। बता दें कि खुदरा मुद्रास्फीति इस समय रिज़र्व बैंक के संतोषजनक स्तर से ऊपर है।
वर्तमान में खुदरा मुद्रास्फीति भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के संतोषजनक स्तर से ऊपर है। ऐसी स्थिति में, यह माना जाता है कि केंद्रीय बैंक नीतिगत दरों को बनाए रखने का निर्णय ले सकता है क्योंकि वे 2 दिसंबर से शुरू होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में हैं।
सितंबर 2020 में समाप्त चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि भी नकारात्मक रही है, जिसके कारण केंद्रीय बैंक अपने मौद्रिक रुख को नरम रख सकता है। बाद में जरूरत पड़ने पर ब्याज दरों में कटौती की जा सकती है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्ति कांत दास की अध्यक्षता में छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति की दो दिवसीय बैठक 2 दिसंबर से शुरू होगी और परिणाम 4 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे। अक्टूबर 2020 में आयोजित एमपीसी की पिछली बैठक में नीतिगत दरों में बदलाव नहीं किया गया। इसका कारण मुद्रास्फीति में वृद्धि है, जिसने हाल के दिनों में 6 प्रतिशत के स्तर को पार कर लिया है।