पटना में दो दिन पहले राजद और उसके सहयोगी दलों ने बिहार बंद का आयोजन किया था। इसमें राजद के कार्यकर्ताओं ने पूरे राज्य में सरकारी संपत्ति वाहनों को नुकसान पहुंचाया। नागरिकता कानून को लेकर बिहार से लेकर पूरे देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। लेकिन अभी तक किसी भी राज्य में प्रदर्शनकारियों ने अन्य धर्मों के धार्मिक स्थलों को छति नहीं पहुंचाई।
पटना। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में पटना में हुए विरोध प्रदर्शन में धर्म विशेष के हिंसक प्रदर्शन ने हनुमान मंदिर तोड़ दिया। यही नहीं दंगाईयों ने कई मंदिरों को भी नुकसान पहुंचाया। दंगाईयों ने मंदिर में घुसकर हनुमान मूर्ति को भी तहस नहस कर दिया। लेकिन कोई भी राजनैतिक दल इस पर एक भी शब्द बोलने को तैयार नहीं है। हालांकि स्थानीय स्तर पर विश्व हिंदू परिषद और हिंदू संगठनों ने जिला प्रशासन से विरोध जताया है। लेकिन इस मामले को तूल न देते हुए जिला प्रशासन भी खामोश है।
CAA बिल देश की संसद में नेताओं ने पास किया, मंदिर में बैठे भगवान ने नहीं। तो पटना में मंदिर तोड़ा क्यों ! pic.twitter.com/2PvuXaLXO9
— Swami Dipankar (@swamidipankar)
पटना में दो दिन पहले राजद और उसके सहयोगी दलों ने बिहार बंद का आयोजन किया था। इसमें राजद के कार्यकर्ताओं ने पूरे राज्य में सरकारी संपत्ति वाहनों को नुकसान पहुंचाया। नागरिकता कानून को लेकर बिहार से लेकर पूरे देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। लेकिन अभी तक किसी भी राज्य में प्रदर्शनकारियों ने अन्य धर्मों के धार्मिक स्थलों को छति नहीं पहुंचाई। लेकिन पटना में दंगाईयों ने धर्म की आड़ में हिंदू धार्मिक स्थलों को छति पहुंचाई।
पटना में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया और दंगाईयों ने मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में हिंदू धार्मिक स्थलों को जमकर छति पहुंचाई और मंदिरों में घुसकर मूर्तियों को तोड़ा। दंगाईयों ने पुलिस और जिला प्रशासन के सामने ही मंदिरों को तोड़ा और मंदिरों में घुसकर सामने को बाहर फेंका और मूर्तियों को तोड़ा। स्थानीय लोगों का कहना है कि दंगाई कि भीड़ काफी ज्यादा थी।
जिसके कारण दूसरे धर्म के लोग घरों में दुबके रहे और दंगाई पूरे इलाकों में मंदिरों को नुकसान पहुंचाते रहे। प्रशासन और पुलिस भी उनके सामने नतमस्तक दिखे। पटना में मंदिरों को नुकसान पहुंचाने के बाद हिंदू संगठनों ने इसका विरोध जिला प्रशासन को जताया। लेकिन अभी तक जिला प्रशासन इसको लेकर कोई ठोस कार्यवाही नहीं कर सका है। हालांकि हिंदू संगठनों ने राज्य सरकार से भी शिकायत की है।