आखिर सपा-बसपा के महागठबंधन में सीटों के बंटवारे से रालोद क्यों है नाराज

By Team MyNation  |  First Published Jan 9, 2019, 3:47 PM IST

आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए राज्य में बसपा और सपा का गठबंधन होना तय माना जा रहा है. ऐसी चर्चा है कि इस गठबंधन ने कांग्रेस को इसमें शामिल नहीं किया है. जबकि रालोद को अपनी सहयोगी के तौर पर इस गठबंधन में शामिल किया है. हालांकि रालोद सीटों के बंटवारे पर दोनों दलों से खुश नहीं है

उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा के बीच बन रहे संभावित गठबंधन में कम सीट मिलने पर राष्ट्रीय लोकदल ने अपनी नाराजगी जताई है. रालोद राज्य में पांच सीटों पर चुनाव लड़ना चाहता है. जबकि सपा और बसपा उन्हें दो सीट देने के पक्ष में हैं. लिहाजा रालोद के महासचिव जयंत चौधरी ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात कर इस बारे में बतचीत की. रालोद को डर है कि महज दो सीटें मिलने के बाद उसके ज्यादातर नेता बागी हो सकते हैं, क्योंकि इन दो सीटों पर पार्टी प्रमुख अजीत सिंह और उनके बेटे जयंत चौधरी ही चुनाव लड़ सकेंगे.

आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए राज्य में बसपा और सपा का गठबंधन होना तय माना जा रहा है. ऐसी चर्चा है कि इस गठबंधन ने कांग्रेस को इसमें शामिल नहीं किया है. जबकि रालोद को अपनी सहयोगी के तौर पर इस गठबंधन में शामिल किया है. हालांकि रालोद सीटों के बंटवारे पर दोनों दलों से खुश नहीं है. क्योंकि रालोद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मजबूत स्थिति में है और वह ज्यादा सीटें चाहता है. अभी तक सीटों के बंटवारे का जो फार्मूला तैयार हुआ है उसके मुताबिक रालोद को मथुरा और बागपत की ही सीटें दी जा रही हैं. जबकि वह कम से कम पांच सीटें चाहता है.

सपा और बसपा की तरफ से कहा जा रहा है कि इन दोनों सीटें रालोद के खाते में ही आएंगी. लिहाजा वह ज्यादा उम्मीद न करे. रालोद इसके अलावा अमरोहा, हाथरस और मुज्जफरनगर की सीटें चाहता है. ये तो तय है कि इन दोनों से सीटों पर अजीत सिंह और उनके बेटे जयंत चौधरी चुनाव लड़ेगे. लिहाजा इससे पार्टी के भीतर अन्य नेताओं में नाराजगी बढ़ने की संभावना है. जिसका खामियाजा लोकसभा चुनाव में पार्टी को उठाना पड़ सकता है. इसके साथ ही बागी नेता अन्य दलों का दामन थाम सकते हैं. जिसका सीधा गठबंधन पर पड़ेगा.

पिछले लोकसभा चुनाव में रालोद ने भाजपा के साथ गठबंधन बनाने की कोशिश की थी. लेकिन उसे ज्यादा तवज्जो नहीं मिली और जिसके कारण उसे कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ना पड़ा और उसका खाता भी नहीं खुला.फिलहाल यूपी के इस महागठबंधन में सीटों की हिस्सेदारी को लेकर मशक्कत शुरू हो गई है. अब ज्यादा सीटों की मांग को लेकर रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात की. ताकि रालोद के खाते में ज्यादा सीटें बढ़ा दी जाए. लेकिन सपा की तरफ से कोई आश्वासन नहीं दिया गया है. वहीं जयंत चौधरी का कहना है कि वह मिलकर चुनाव लड़ेंगे.
 

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