सोमवार को ही क्राइम ब्रांच ने रोहित की पत्नी अपूर्वा और उनके दो नौकरों को हिरासत में लिया था। लेकिन क्राइम ब्रांच के अफसर पूछताछ में अपूर्वा से कुछ नहीं उगलवा सके। क्योंकि अपूर्वा एक वकील है और वह हर कानूनी दांवपेंच को अच्छी तरह से जानती है। रोहित शेखर की मां उज्जवला शर्मा ने भी अपूर्वा पर शक जाहिर किया था और उन्होंने कहा था कि अपूर्वा का अकसर रोहित के साथ संपत्ति को लेकर विवाद होता था।
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी के बेटे रोहित शेखर तिवारी की मर्डर मिस्ट्री में अब उनकी पत्नी अपूर्वा शुक्ला राज खोलेंगी। इसके लिए दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम ने तैयारी कर ली है। क्राइम ब्रांच अब अपूर्वा का नार्को टेस्ट कराएगी। जिसमें रोहित की हत्या से जुड़े कई राज खुलेंगे।
सोमवार को ही क्राइम ब्रांच ने रोहित की पत्नी अपूर्वा और उनके दो नौकरों को हिरासत में लिया था। लेकिन क्राइम ब्रांच के अफसर पूछताछ में अपूर्वा से कुछ नहीं उगलवा सके। क्योंकि अपूर्वा एक वकील है और वह हर कानूनी दांवपेंच को अच्छी तरह से जानती है। रोहित शेखर की मां उज्जवला शर्मा ने भी अपूर्वा पर शक जाहिर किया था और उन्होंने कहा था कि अपूर्वा का अकसर रोहित के साथ संपत्ति को लेकर विवाद होता था। हालांकि अभी तक क्राइम ब्रांच ने किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया है।
लेकिन अपूर्वा और दो नौकरों को हिरासत में जरूर रखा गया है। क्राइम ब्रांच अब अपूर्वा का नार्को टेस्ट कराएगी। इस केस से जुड़े अफसरों का कहना है कि अपूर्वा बार बार अपना बयान बदल रही है। लिहाजा किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचना आसान नहीं है। लिहाजा नार्को टेस्ट के जरिए ही सच्चाई का पता चल सकता है। लेकिन इसके लिए क्राइम ब्रांच को कानूनी तौर पर अनुमति लेनी होगी। क्राइम ब्रांच से मिली जानकारी के मुताबिक रोहित शेखर को अपूर्वा ने वीडियो कॉल की थी और उसके वक्त उसके पास कोई महिला था। जिसको देखकर अपूर्वा रोहित पर भड़क गयी थी।
क्या है नार्को टेस्ट
किसी अपराधी या फिर अपराध से जुड़े व्यक्ति से जानकारी प्राप्त करने के लिए पुलिस द्वारा उसका नार्को टेस्ट किया जाता है। हालांकि ये इतना आसान नहीं होता है। इसके लिए पुलिस को कोर्ट से अनुमति लेनी होती है। नार्को टेस्ट एक तरह से फोरेंसिक परीक्षण होता है। जिस वक्त टेस्ट किया जाता है उस वक्त मामले से जुड़े जांच अधिकारी, मनोवैज्ञानिक, चिकित्सक व फोरेंसिक विशेषज्ञ उपस्थित होते हैं। हालांकि जिस व्यक्ति को दिल की बीमारी होती है या फिर अस्वस्थ व्यक्ति का नार्को टेस्ट नहीं किया जा सकता। कोर्ट पुलिस और जिसका नार्को टेस्ट किया जाना है, दोनों लोगों से अनुमति लेने के बाद आदेश देती है।