जानें क्यों राहुल गांधी के करीबी सैम पित्रोदा बोले- 'पप्पू' नहीं हैं राहुल

By Team MyNation  |  First Published May 5, 2019, 8:03 PM IST

भारतीय वायु सेना द्वारा पाकिस्तान में की गयी एयर स्ट्राइक के लिए सबूत मांगने वाले सैम पित्रोदा ने बताया कि उन्होंने राहुल गांधी के साथ वक्त बिताया है और उनके साथ बातचीत की है। उन्हें(राहुल गांधी) पता है कि देश को किस तरह से आगे ले जाना है। देश को आज जुमले की नहीं बल्कि टेक्नोलॉजी की जरूरत है।

अकसर अपने बयानों से कांग्रेस को मुश्किलों में डालने वाले भारतीय ओवरसीज कांग्रेस (आईओसी) के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने एक बार फिर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को पप्पू कहा है। हालांकि सैम ने कहा कि राहुल गांधी 'पप्पू' नहीं,  बल्कि पढ़े-लिखे हैं। सैम ने राहुल गांधी को राहुल गांधी बुद्धिमान बताया और कहा कि देश को युवा नेतृत्व चाहिए न कि जुमलेबाजी।

भारतीय वायु सेना द्वारा पाकिस्तान में की गयी एयर स्ट्राइक के लिए सबूत मांगने वाले सैम पित्रोदा ने बताया कि उन्होंने राहुल गांधी के साथ वक्त बिताया है और उनके साथ बातचीत की है। उन्हें(राहुल गांधी) पता है कि देश को किस तरह से आगे ले जाना है। देश को आज जुमले की नहीं बल्कि टेक्नोलॉजी की जरूरत है। कभी राजीव गांधी के करीबी रहे सैम ने कहा कि राहुल गांधी 'पप्पू' नहीं, बल्कि बुद्धिमान युवा हैं।

मध्य प्रदेश के इंदौर में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि आज देश को आधुनिक दिमाग चाहिए जो टेक्नोलॉजी को प्रमोट करे न कि जुमलेबाजी को। आज देश को लोकतंत्र पर विश्वास करने वाले नेता की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मैं इस बात का भरोसा दिला सकता हूं कि राहुल गांधी में कई अच्छे गुण हैं।  

पित्रोदा ने कहा कि उन्हें इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के साथ काम करने का मौका मिला। जबकि पीएम नरेंद्र मोदी कहते हैं कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी 'नंबर एक के भ्रष्टाचारी' थे। वह इस तरह के बयान देते हैं तो मुझे दुख पहुंचता है। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले सैम ने कहा कि 'यदि उन्होंने (वायुसेना) 300 लोगों को मारा तो ठीक है। मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि आप मुझे और तथ्य दीजिए और इसे साबित कीजिए।

हालांकि  भारतीय वायुसेना ने दावा किया था कि हमले के वक्त वहां पर 250 से ज्यादा मोबाइल सक्रिय थे और हमला करने से पहले वायुसेना ने सभी तरह की खुफिया जानकारियों के बाद वहां पर हमला किया था। इसके लिए पित्रोदा ने तर्क दिए थे कि उन्होंने न्यूयॉर्क टाइम्स और दूसरे अखबारों की रिपोर्ट्स पढ़ी हैं।
 

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