अफीम की 'खेती' के मामले में हिरासत में लिए गए विवादित आईपीएस संजीव भट्ट

By Team Mynation  |  First Published Sep 5, 2018, 1:14 PM IST

यह मामला पालनपुर में अफीम की खेती से जुड़ा है। तब वह बनासकांठा के डीसीपी थे। सीआईडी सूत्रों के मुताबिक, सभी लोगों को साक्ष्‍यों के आधार पर हिरासत में लिया गया है। संजीव भट्ट को किसी भी समय गिरफ्तार किया जा सकता है। 

गुजरात के विवादित पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को 1998 में अफीम की खेती से जुडे़ एक मामले में हिरासत में लिया गया है। भट्ट से गुजरात सीआईडी पूछताछ कर रही थी। उनके अलावा छह अन्य लोगों को भी हिरासत में लिए जाने की सूचना है। एक रिपोर्ट के अनुसार, भट्ट के खिलाफ राजस्थान के एक वकील को इस मामले में गलत तरीके से फंसाने के आरोप में यह कार्रवाई हुई है।  बताया जाता है कि संजीव को हिरासत में लिए जाने के बाद डीजीपी ऑफिस के दो फ्लोर पर प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। 

यह मामला पालनपुर में अफीम की खेती से जुड़ा है। तब वह बनासकांठा के डीसीपी थे। सीआईडी सूत्रों के मुताबिक, सभी लोगों को साक्ष्‍यों के आधार पर हिरासत में लिया गया है। संजीव भट्ट को किसी भी समय गिरफ्तार किया जा सकता है। 

यह मामला 22 साल पुराना है। राजस्थान के रहने वाले वकील सुमेर सिंह राजपुरोहित और अन्य ने उस समय के बनासकांठा के एसपी भट्ट के खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई थी। उन पर झूठे मामले में फंसाने का आरोप लगाया गया था। हाल ही में गुजरात हाईकोर्ट ने सीआईडी की विशेष जांच टीम (एसआईटी) को मामले की जांच करने का आदेश दिया था। इसमें राजपुरोहित ने हाईकोर्ट के तत्कालीन जज जस्टिस जैन का भी नाम लेते हुए एक बड़ी साजिश की ओर इशारा किया था। 

राजपुरोहित का दावा था कि उसका अपहरण किया गया और फिर उसे इस मामले में फंसा दिया गया। यही नहीं जस्टिस जैन की बहन के पाली स्थित घर से कथित तौर पर उन्हें जबरन निकाल दिया गया। उस समय गुजरात पुलिस का कहना था कि राजपुरोहित के पास पालनपुर के एक होटल में एक किलोग्राम अफीम बरामद हुई थी। 

1988 बैच के आईपीएस संजीव भट्ट को गुजरात सरकार 2015 में बर्खास्त कर चुकी है। उन पर अनुशासनहीनता के आरोपों के चलते कार्रवाई की गई। भट्ट पर पोस्टिंग जूनागढ़ होने के बावजूद काफी समय तक ड्यूटी ज्वाइन न करने और अहमदाबाद में रहकर सरकारी गाड़ी और पुलिस कमांडो का इस्तेमाल करने का आरोप था। 

नौकरी से बर्खास्त किए जाने के बाद उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा था, 'आईपीएस में 27 साल की सेवा देने के बाद आखिरकार हटा दिया गया। एक बार फिर रोजगार के लिए योग्य हो गया हूं।' 

भट्ट गुजरात दंगों को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी के विरोध को लेकर चर्चा में रहे हैं। 2012 में उनकी पत्नी श्वेता भट्ट कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ा था।

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