मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार की मुश्किल बढ़ रही हैं। क्योंकि उनकी पार्टी का विधायक ही अब सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि कमलनाथ सरकार के खिलाफ उनकी पार्टी के नेता ने बगावत की हो। इससे पहले भी कई मंत्री राज्य की कमलनाथ सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं।
भोपाल। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच शाह मात का खेल शुरू हो गया है। एक दिन पहले ही कांग्रेस आलाकमान से आर्शीवाद लेकर लौटे सिंधिया का समर्थक विधायक अब राज्य की अपनी सरकार के खिलाफ ही विधानसभा के सामने धरना देगा। विधायक ने आरोप लगाया है कि उसके क्षेत्र में विकास कार्य नहीं हो रहे हैं। फिलहाल भाजपा को इसके जरिए राज्य सरकार को घेरने का मौका मिल गया है।
मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार की मुश्किल बढ़ रही हैं। क्योंकि उनकी पार्टी का विधायक ही अब सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि कमलनाथ सरकार के खिलाफ उनकी पार्टी के नेता ने बगावत की हो। इससे पहले भी कई मंत्री राज्य की कमलनाथ सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं। ग्वालियर पूर्व से कांग्रेस विधायक मुन्ना लाल ने अपनी ही सरकार और सीएम कमलनाथ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मुन्ना लाल का आरोप है कि उनके क्षेत्रव में विकास कार्य नहीं हो रहे हैं और इसके लिए उन्होंने राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। मुन्ना लाल को कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का करीबी माना जाता है।
विधायक ने आज विधानसभा के बाहर धरने पर बैठने की बात कही है। इसके लिए सोशल मीडिया में एक चिट्ठी जारी की गई है। जिसमें इस बात का दावा किया गया है कि वह सरकार के खिलाफ धरना देंगे। मुन्ना लाल ने कहा कि सरकार का ध्यान अपनी शिकायतों की ओर आकर्षित करने के लिए मैं कल विधानसभा में गांधी प्रतिमा के सामने धरना दूंगा। गौरतलब है कि विधायक मुन्ना लाल ने शुक्रवार को विधानसभा के विशेष सत्र का भी बहिष्कार किया था।
कांग्रेस ने ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को ही भोपाल में अपने करीबी और खास नेताओं और मंत्रियों से मुलाकात की थी। जिसके बाद ये माना जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान ने नाराज चल रहे सिंधिया की नाराजगी को दूर कर दिया है और उन्हें आने वाले दिनों में बड़ा इनाम मिल सकता है। सिंधिया समर्थक उन्हें प्रदेश कांग्रेस संगठन की कमान सौंपने की मांग कर रहे हैं। हालांकि अभी तक कमलनाथ के पास ही सरकार और संगठन की कमान है।