राज्य की सत्ताधारी कांग्रेस 24 विधायक मानेसर के एक होटल में रुके हुए हैं और ये सभी राज्य के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के करीबी बताए जा रहे हैं और विधायकों ने अपने मोबाइल को बंद किया हुआ है। जबकि सचिन पायलट के बारे में कहा जा रहा है कि वह तीन दिन से दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं।
नई दिल्ली। राजस्थान में कांग्रेस के 24 विधायकों के भाजपा शासित हरियाणा के मानेसर में रूकने के बाद सियासी सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं। राज्य की सत्ताधारी कांग्रेस 24 विधायक मानेसर के एक होटल में रुके हुए हैं और ये सभी राज्य के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के करीबी बताए जा रहे हैं और विधायकों ने अपने मोबाइल को बंद किया हुआ है। जबकि सचिन पायलट के बारे में कहा जा रहा है कि वह तीन दिन से दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। बहरहाल ये कुछ वैसा ही जो चार महीने में मध्य प्रदेश में हुआ था। लिहाजा अब कांग्रेस और राज्य के सीएम अशोक गहलोत सरकार बचाने के लिए जुट गए हैं।
फिलहाल कांग्रेस शासित राजस्थान में अचानक सियासी हलचल बहुत तेज हो चुकी है और राज्य के 24 विधायक भाजपा शासित हरियाणा के मानेसर के होटल में रुके हुए है। जब मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार को ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक 22 विधायकों ने गिराया था वह सीधे भोपाल से हरियाणा ही पहुंचे थे। वहीं अब राजस्थान के विधायक हरियाणा में रूके हुए हैं। लिहाजा माना जा रहा है कि राज्य में कांग्रेस को सत्ता से बाहर करने के लिए स्क्रिप्ट लिख दी गई है। राज्य के जो विधायक हरियाणा में ठहरे हैं उन सभी ने मोबाइल को बंद किया हुआ है। जिसके कारण कांग्रेस के नेताओं और सरकार को बचाने में जुटे प्रबंधक उनसे संपर्क नहीं कर पा रहे हैं।
ये भी कहा जा रहा कि राज्य से उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट 3 दिनों से दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। जबकि कांग्रेस के 24 विधायक शनिवार रात से ही गुड़गांव के ही मानेसर में एक बड़े होटल में पहुंच गए हैं। वहीं शनिवार रात को सीएम अशोक गहलोत ने बैठक बुलाई में इस बैठक में सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों और मंत्रियों ने हिस्सा नहीं लिया है। लिहाजा कयास लगने शुरू हो गए हैं कि राजस्थान में भी मध्य प्रदेश की कहानी दोहराई जा सकती है।
नाराज पायलट बनेंगे सिंधिया
राज्य में सचिन पायलट राज्य के सीएम अशोक गहलोत से नाराज हैं। लिहाजा कहा जा रहा कि पायलट भी सिंधिया बन सकते हैं। क्योंकि कांग्रेस को राज्य की सत्ता में वापस लाने में पायलट ने अहम भूमिका निभाई। लेकिन ऐन वक्त अशोक गहलोत को पार्टी आलाकमान ने सीएम बना दिया। वहीं राज्य के सीएम गहलोत पायलट को तव्वजो नहीं देते हैं। शनिवार को ही गहलोत ने कहा था कि पार्टी ने एक को सीएम बना दिया है तो दूसरे को शांत हो जाना चाहिए।