उनकी पार्टी का नया नाम प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया होगा। इससे पहले शिवपाल ने समाजवादी सेक्युलर मोर्चा नाम से संगठन खोला, अब उनकी पार्टी का रजिस्ट्रेशन चुनाव आयोग में हो गया है।
समाजवादी पार्टी से अलग होकर अपनी नई पार्टी का गठन करने वाले उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई शिवपाल यादव की पार्टी का चुनाव आयोग में रजिस्ट्रेशन हो गया है। उनकी नई पार्टी का नाम समाजवाद के पुरोधा राम मनोहर लोहिया के नाम पर होगा।
उनकी पार्टी का नया नाम प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया होगा। इससे पहले शिवपाल ने समाजवादी सेक्युलर मोर्चा नाम से संगठन खोला, अब उनकी पार्टी का रजिस्ट्रेशन चुनाव आयोग में हो गया है।
शिवपाल ने पहले ही ऐलान किया है कि उनकी पार्टी 2019 के लोकसभा चुनाव में केवल मुलायम सिंह यादव की सीट छोड़कर उत्तर प्रदेश की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी। अब उनकी पार्टी को चुनाव आयोग की मान्यता भी मिल चुकी है।
माना जा रहा है कि शिवपाल यादव आने वाले 2019 के चुनाव में भाजपा के ट्रंप कार्ड हो सकते हैं। क्योंकि अपनी मजबूत सांगठनिक क्षमता के के कारण कई सीटों पर समाजवादी पार्टी को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इस बात पर चर्चा और तेज तब हो गई, जब उन्हें लखनऊ में वही बंगला अलॉट कर दिया गया, जिसे बीएसपी प्रमुख मायावती से खाली कराया गया था।
शिवपाल की पार्टी का रजिस्ट्रेशन ऐसे समय में हुआ है जब लोक सभा चुनाव नजदीक है और सभी दल अपने-अपने समीकरण दुरुस्त करने में लगे हुए हैं। उत्तर प्रदेश में बीजेपी को हराने के लिए एसपी, बीएसपी और कांग्रेस की कोशिश हो रही है।
हालांकि भाजपा के लिए भी यह सुकून की बात है कि मायावती के तेवर देखकर नहीं लगता कि वह आने वाले चुनाव में किसी के साथ गठबंधन करेंगी। मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में बीएसपी ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। एसपी ने भी गठबंधन की बजाय कुछ सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं।
शिवपाल की पार्टी का रजिस्ट्रेशन ऐसे समय में हुआ है जब लोक सभा चुनाव नजदीक है और सभी दल अपने-अपने समीकरण दुरुस्त करने में लगे हुए हैं। उत्तर प्रदेश में बीजेपी को हराने के लिए एसपी, बीएसपी और कांग्रेस की कोशिश हो रही है।
हालांकि भाजपा के लिए भी यह सुकून की बात है कि मायावती के तेवर देखकर नहीं लगता कि वह आने वाले चुनाव में किसी के साथ गठबंधन करेंगी। मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में बीएसपी ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। एसपी ने भी गठबंधन की बजाय कुछ सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं।