दस रुपये का सिक्का न लेना पड़ा भारी, कोटे ने सुनाई ये सजा...

By Team MynationFirst Published Aug 1, 2018, 11:22 AM IST
Highlights

मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के जौरा के न्यायिक मजिस्ट्रेट जेपी चिडार ने एक दुकानदार को सामान के बदले ग्राहक से 10 रुपये का सिक्का लेने से इनकार करने का दोषी ठहराया

एक दुकानदार को ग्राहक से दस रुपये का सिक्का न लेना भारी पड़ गया। कोर्ट ने न सिर्फ उसे दोषी ठहराया बल्कि अदालत उठने तक वहीं रहने की सजा सुनाई और 200 रुपये का जुर्माना भी लगाया। मामला मध्य प्रदेश के मुरैना जिले का है। यहां जौरा के न्यायिक मजिस्ट्रेट जेपी चिडार ने एक दुकानदार अरुण जैन को सामान के बदले ग्राहक आकाश से 10 रुपये के सिक्का लेने से इनकार करने का दोषी ठहराया। 

दरअसल, ग्राहक आकाश ने जौरा कस्बे में बनियापारा के दुकानदार अरुण जैन की दुकान से 17 अक्टूबर 2017 को दो रुमाल खरीदने के बाद 10-10 रुपये के दो सिक्के दिए। दुकानदार ने 10 रुपये के सिक्के यह कहते हुए आकाश को लौटा दिये कि ये अब बाजार में नहीं चल रहे हैं। आकाश ने दुकानदार को बताया कि कलेक्टर मुरैना का आदेश है कि 10 रुपये के सिक्कों को लेने से कोई इनकार नहीं कर सकता है। ये सिक्के बाजार में चलन में हैं, लेकिन दुकानदार नहीं माना। उसने ग्राहक से रुमाल वापस ले लिए और उसे वहां से चले जाने को कह दिया। 

इसके बाद खरीददार ने जौरा पुलिस थाने में मामले की रिपोर्ट दर्ज करा दी। पुलिस ने दुकानदार अरुण जैन के विरुद्ध कलेक्टर द्वारा सिक्के स्वीकार करने के संबंध जारी आदेश का उल्लंघन करने का मामला दर्ज कर लिया। दुकानदार को गिरफ्तार करने के बाद जांच के बाद मामले का चालान अदालत में पेश किया।  यहां न्यायिक मजिस्ट्रेट जौरा ने प्रकरण की सुनवाई के बाद दुकानदार अरुण जैन को आईपीसी की धारा 188 के तहत कलेक्टर के आदेश की अवहेलना करने का दोषी पाया और उसे अदालत उठने तक की सजा सुनाई और 200 रुपये का जुर्माना भी लगाया। 

click me!