पाकिस्तान के मोबाइल नेटवर्क की डेढ़ दशक से भारत में घुसपैठ जारी

By Team Mynation  |  First Published Oct 12, 2018, 4:59 PM IST

पाकिस्तानी मोबाइल कंपनियों का नेटवर्क बाड़मेर के सीमावर्ती गांवों में पांच से सात किलोमीटर नहीं बल्कि 50 किलोमीटर तक पहुंच रहा है। ऐसे में खुफिया एजेंसियों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी पड़ रही है। इस बात का ध्यान रखना पड़ रहा है कि गांवों में कोई इसका गलत उपयोग न करे। 

बाड़मेर से दुर्गसिंह राजपुरोहित की रिपोर्ट

पश्चिमी सरहद के मुनाबाव से आगे की बीएसएफ चौकियों और गांवों में भारतीय मोबाइल कंपनियों का नेटवर्क न आने से जवानों की अपने परिजनों से बात नहीं हो पाती है। वहीं दूसरी ओर पाकिस्तानी नेटवर्क भारत के अधिकांश गांवों में मिल जाता है। इससे यह आशंका बनी रहती है कि  कहीं कोई राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लपेटे में न आ जाए। 

भारत के सीमा सुरक्षा बल और पाकिस्तान रेंजर्स की संयुक्त बैठक में यह मुद्दा कई बार प्रमुखता से रखा गया है। पाकिस्तान ने जब भारतीय कंपनियों के नेटवर्क के उनके इलाके में आने पर ऐतराज जताया तो बीएसएनएल ने मुनाबाव में लगे अपने तीन टॉवरों में से एक को हटा लिया और नेटवर्क पॉवर को 45 से घटाकर 30 डेसीबल कर दिया।

 लिहाजा भारत का मोबाइल नेटवर्क अब सीमा पार तो दूर मुनाबाव के आगे बीएसएफ की चौकियों तक भी नहीं पहुंच रहा। लेकिन हमेशा घुसपैठ की साजिश रचने वाले पाकिस्तान ने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया। 

पाकिस्तानी मोबाइल कंपनियों का नेटवर्क बाड़मेर के सीमावर्ती गांवों में पांच से सात किलोमीटर नहीं बल्कि 50 किलोमीटर तक पहुंच रहा है। ऐसे में खुफिया एजेंसी को अतिरिक्त सावधानी बरतनी पड़ रही है। इस बात का ध्यान रखना पड़ रहा है कि गांवों में कोई इसका गलत उपयोग न करे। 

पश्चिमी सरहद पर सूंदरा, बीकेडी, सीमा, पांचला, राणा, इटाऊ, बाड़मेरवाला, एमकेटी, रोहिड़ी, 39 आर, मराठा हिल सहित कई सीमा चौकियों पर भारतीय कंपनियों का नेटवर्क नहीं है। यहां करीब 500 से अधिक जवान तैनात है, जिनके पास मोबाइल तो है लेकिन नेटवर्क नहीं मिलने से झुनझुने बने हुए हैं।

 चौकियों पर मोबाइल से बात नहीं होने पर बीएएसएफ की ओर से डीएसपीटी सिस्टम लगाया गया है। इस सिस्टम के बूथ पर जवानों को बात के लिए पहुंचना पड़ता है। कई बार यहां कतार लग जाती है। जवानों का नंबर भी नहीं आ पाता। परिजनों से बात नहीं होने के कारण जवानों की झल्लाहट साफ देखी जा सकती है। 

बाड़मेर में बीएसएनएल के टीडीएम एके तिवारी के मुताबिक, बिल्कुल मोबाइल नेटवर्क नहीं मिल रहा। पाक रेंजर्स व बीएसएफ की बैठक के बाद आपत्ति की गई थी कि भारतीय नेटवर्क पाकिस्तानी सरहद में जा रहा है। इस पर नेटवर्क की रेंज कम की गई। लेकिन पाकिस्तान ने अपने नेटवर्क की रेंज को कम नहीं किया। अब भी कई गांवों में पाकिस्तानी कंपनियों का नेटवर्क आ रहा है। इसमें केंद्र ही कुछ कर सकता हैं।

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