माना जा रहा है कि अपने सियासी कैरियर में सोनिया गांधी इस तरह का विरोध झेल रही है। वहीं जानकारों का कहना है कि पार्टी में सोनिया की पकड़ कमजोर होती जा रही है और विरोध धड़ा पार्टी में लोकतंत्र की मांग कर रहा है।
नई दिल्ली। कांग्रेस के भीतर नेतृत्व परिवर्तन को लेकर दो गुट बन गए हैं और माना जा रहा है कि कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यसी) की सोमवार को होने वाली बैठक कुरूक्षेत्र बन सकती है और गांधी के परिवार वफादार और विरोधियों के बीच घमासान हो सकती है। पार्टी के कुछ सांसदों और पूर्व मंत्रियों ने सामूहिक तौर पर नेतृत्व परिवर्तन की मांग की है। जबकि गांधी परिवार के वफादार और दूसरे खेमे ने राहुल गांधी को फिर से पार्टी अध्यक्ष बनाने की वकालत की है। वहीं कांग्रेस का एक धड़ा प्रियंका गांधी को पार्टी की कमान सौंपने का पक्षधर है।
माना जा रहा है कि अपने सियासी कैरियर में सोनिया गांधी इस तरह का विरोध झेल रही है। वहीं जानकारों का कहना है कि पार्टी में सोनिया की पकड़ कमजोर होती जा रही है और विरोध धड़ा पार्टी में लोकतंत्र की मांग कर रहा है। जबकि दो दशक से भी ज्यादा समय से पार्टी की कमान गांधी परिवार के पास है। विरोध धड़े का कहना है कि पार्टी में चुनाव होने चाहिए और गांधी परिवार से बाहर का अध्यक्ष होना चाहिए। वहीं पूर्व मंत्रियों समेत दो दर्जन कांग्रेस नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर संगठन में बदलाव की मांग की है।
इन नेताओं का कहना है कि केन्द्रीय शक्ति का विकेंद्रीकरण किया जाए, प्रदेश इकाइयों के सशक्तिकरण और केंद्रीय संसदीय बोर्ड के गठन में संसोधन किया जाना चाहिए। असल में कांग्रेस में 1970 के दशक तक केंद्रीय संसदीय बोर्ड था लेकिन उसे बाद में खत्म कर दिया गया। इस पत्र में विरोधी धड़े ने सामूहिक रूप से निर्णय लेने पर जोर दिया है। वहीं इस धड़े का कहना है कि पार्टी में कार्यकर्ता और नेताओं के बीच आसानी से संपर्क होना चाहिए पार्टी संगठन में प्रखंड स्तर से लेकर कार्यसमिति तक स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव होने चाहिए।
किन नेताओं ने सोनिया के खिलाफ की बगावत
असल में इस पत्र को लिखने वाले कई नेता गांधी परिवार के करीबी हैं। इसमें राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पृथ्वीराज चव्हाण, राजिंदर कौर भट्टल ,मिलिंद देवड़ा, जितिन प्रसाद, अखिलेश प्रसाद सिंह और कुलदीप शर्मा ने हस्ताक्षर किए हैं। वहीं राहुल गांधी के करीबी पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और सांसद मणिकम टैगोर ने राहुल गांधी फिर से अध्यक्ष बनाने की मांग की है।