सिख विरोधी दंगों में फैसला सुनाने के वक्त कोर्ट में रो पड़े जज

By Team MyNation  |  First Published Dec 17, 2018, 11:59 AM IST

सिख विरोधी दंगे के मामले में दोषी सज्जन कुमार पर फैसला सुनाते वक्त कोर्ट में जज रो पड़े। जबकि सजा का फैसला आते ही दोषियों के वकील भी कोर्ट में लगातार रो रहे थे। इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने निचली अदालत का फैसला बदलते हुए सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अब सज्जन कुमार को 31 दिसंबर तक सरेंडर करना होगा। कोर्ट ने सज्जन कुमार पर उम्रकैद के अलावा 5  लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। 

सिख विरोधी दंगों में फैसला सुनाने के वक्त कोर्ट में रो पड़े जज

-चश्मदीद गवाह ने कहा कि सामने जला दिया गया भाईयों को

आज सिख विरोधी दंगे के मामले में दोषी सज्जन कुमार पर फैसला सुनाते वक्त कोर्ट में जज रो पड़े। जबकि सजा का फैसला आते ही दोषियों के वकील भी कोर्ट में लगातार रो रहे थे। इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने निचली अदालत का फैसला बदलते हुए सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अब सज्जन कुमार को 31 दिसंबर तक सरेंडर करना होगा। कोर्ट ने सज्जन कुमार पर उम्रकैद के अलावा 5  लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। जबकि बाकी दोषियों को जुर्माने के तौर पर एक-एक लाख रुपये देने होंगे।

हाई कोर्ट में सजा का फैसला सुनाते हुए कहा कि कई दशक से लोग न्याय का इंतज़ार कर रहे हैं। उन्होंने जांच एजेंसियों पर भी टिप्पणी कहते हुए कहा कि  ये जांच एजेसिंयों की नाकामी है कि अब तक इस मामले में कुछ नहीं हुआ है। इस दौरान कोर्ट में माहौल पूरी तरह से गमगीन रहा। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद पूरे देश में सिख विरोधी दंगे शुरू हो गये थे और एक नवंबर 1984 को दिल्ली कैंट के राजनगर क्षेत्र में दो सिख परिवारों के पांच सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। हालांकि निचली अदालत ने सज्जन कुमार को इस मामले में बरी कर दिया था।

उसके बाद याचिकाकर्ताओं हाईकोर्ट में इसके खिलाफ याचिका दायर की। इसमें जस्टिस एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति विनोद गोयल की पीठ ने 29 अक्टूबर को सीबीआई, दंगा पीड़ितों और दोषियों की ओर से दायर अपीलों पर दलीलें सुनने का काम पूरा करने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। याचिका करने वालों को 34 के बाद न्याय मिला है। हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दंगा भड़काने और साजिश रचने के दोष में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।

जाने गवाह की जुबानी उसकी कहानी....
इस केस के गवाह जगशेर सिंह ने बताया कि इस नरसंहार में उसका परिवार खत्म हो गया और उन्हें दिल्ली छोड़कर पंजाब में बसना पड़ा। उनका कहना है कि उनके एक भाई को उनके सामने आग लगाकर जला दिया गया था और बाकी दो को भी मार दिया गया था। उन्होंने कहा कि भगवान ऐसा मंजर किसी को भी ना दिखाए। मेरे पूरे हंसते खेलते परिवार को दोषियों ने खत्म कर दिया। जिस मोहल्ले में हम लोग मिलजुल कर रहते थे, वहीं लोग हमारे दुश्मन हो गए। जगशेर कहते हैं कि मेरे बाल कटे हुए थे, इसलिए मैं बच गया। लेकिन भड़काऊ भीड़ ने जानवरों की तरह लाशों को नोचा और काटा।

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