बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती की कांग्रेस के तल्ख हुए रिश्तों के बाद अब सपा और बसपा ने अमेठी और रायबरेली में अपने प्रत्याशी उतारने का मन बना लिया है। सपा—सपा गठबंधन अगले दो दिन के भीतर राहुल गांधी के खिलाफ अमेठी और सोनिया गांधी के खिलाफ रायबरेली में प्रत्याशी उतार सकते हैं।
नई दिल्ली/लखनऊ।
बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती की कांग्रेस के तल्ख हुए रिश्तों के बाद अब सपा और बसपा ने अमेठी और रायबरेली में अपने प्रत्याशी उतारने का मन बना लिया है। सपा—सपा गठबंधन अगले दो दिन के भीतर राहुल गांधी के खिलाफ अमेठी और सोनिया गांधी के खिलाफ रायबरेली में प्रत्याशी उतार सकते हैं। जाहिर है इससे कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ेगी।
कांग्रेस और बसपा प्रमुख के बीच पिछले तीन दिनों को बयानबाजी शुरू है। मायावती ने कांग्रेस को ठेंगा दिखाते हुए कहा कि वह किसी भी राज्य में कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेगी। लिहाजा उसके बाद कांग्रेस ने भी कहा कि उन्हें बसपा के समर्थन की जरूरत नहीं है। लिहाजा इस बयानबाजी के बाद बसपा प्रमुख मायावती कांग्रेस से खासी नाराज हैं।
सपा-बसपा ने राज्य में गठबंधन बनाते वक्त सीटों के बंटवारे में कांग्रेस के लिए दो सीटें छोड़ी थी। वहीं तीन पहले कांग्रेस के महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि वह भी सपा और बसपा के लिए सीटें छोड़ेंगे। ये एक तरह के सपा-बसपा गठबंधन पर कटाक्ष था। लेकिन अब बसपा ने अमेठी और रायबरेली में भी अपने प्रत्याशी उतारने की योजना बनाई है। सपा और बसपा राहुल गांधी और सोनिया गांधी के खिलाफ प्रत्याशी खड़ा करेगी। लखनऊ में राजनैतिक सरगर्मियां तेजी से बढ़ रही हैं। कांग्रेस के रवैये से नाराज बसपा सुप्रीमो मायावती के प्रस्ताव से समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को बुलाया।
कांग्रेस के तेवरों को देखते हुए रायबरेली और अमेठी में भी गठबंधन के उम्मीदवार को उतारने की बात कही और मायावती ने अगले दो दिन के भीतर उम्मीदवारों के नामों को लेकर फैसला लेने को कहा है। अखिलेश यादव भी मायावती फैसले से सहमत हैं। इस बैठक में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ सपा के राज्यसभा सांसद संजय सेठ भी मौजूद थे। इसके साथ ही मायावती भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर से प्रियंका गांधी की मुलाकात को नाराज हैं।