मुस्लिमों का गढ़ माने जाने वाले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हिंदू वोटरों को लुभाने के लिए एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव और बीएसपी अध्यक्ष मायावती नवरात्र में अपने चुनाव प्रचार की शुरूआत करेंगे। खासबात ये है कि मायावती और अखिलेश यादव संयुक्त तौर पर देवबंद ने रैली की आयोजन करेंगे।
मुस्लिमों का गढ़ माने जाने वाले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हिंदू वोटरों को लुभाने के लिए एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव और बीएसपी अध्यक्ष मायावती नवरात्र में अपने चुनाव प्रचार की शुरूआत करेंगे। खासबात ये है कि मायावती और अखिलेश यादव संयुक्त तौर पर देवबंद ने रैली की आयोजन करेंगे।
उत्तर प्रदेश में एसपी और बीएसपी के बीच चुनावी गठबंधन बन जाने के बाद मायावती और अखिलेश यादव संयुक्त तौर पर एक मंच पर दिखेंगे। हालांकि जब लखनऊ में दोनों दलों के बीच चुनावी गठबंधन हुआ था तो उस वक्त दोनों नेता मीडिया के सामने उपस्थित हुए थे। लेकिन अभी तक किसी भी रैली में दोनों नेता एक साथ नहीं दिखे। लिहाजा अब सहारनपुर के देवबंद में दूसरे नवरात्र में गठबंधन के नेता अखिलेश यादव और मायावती संयुक्त रैली कर चुनाव अभियान का आगाज करेंगे। यह पहला मौका होगा जब समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के ये दोनों नेता खुले मंच से भाजपा के खिलाफ वोट मांगेंगे।
हालांकि इस गठबंधन में अजित सिंह की अगुवाई वाला राष्ट्रीय लोकदल भी शामिल है। फिलहाल तीनों दलों के बीच चुनावी गठबंधन हो चुका है और करीब 12 सीटों पर मायावती और अखिलेश यादव संयुक्त तौर पर रैलियों का आयोजन करेंगे। हालांकि ये भी कहा जा रहा है कि मायावती मुलायम सिंह के लिए मैनपुरी में संयुक्त रैली का आयोजन करेंगी। जिसमें मुलायम सिंह के साथ ही एसपी के बड़े नेता भी शामिल होंगे। एसपी नेताओं के मुताबिक 7 अप्रैल को सपा, बसपा और रालोद की सहारनपुर लोकसभा सीट के लिए संयुक्त रैली देवबंद में होगी। इस रैली को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, बसपा प्रमुख मायावती और रालोद अध्यक्ष चौ. अजित सिंह सम्बोधित करेंगे।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में एसपी-बीएसपी गठबंधन में कांग्रेस शामिल नहीं है। लिहाजा ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस गठबंधन के मुस्लिम वोटों को नुकसान पहुंचाएगी। कांग्रेस ने भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सात मुस्लिम प्रत्याशियों को उतारा है। जिसमें बिजनौर से कभी मायावती के खास रहे नसीमुउद्दीन सिद्दीकी को टिकट दिया है।