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अराजक हुए जेएनयू के छात्र, बवाल के बाद कुलपति की पत्नी से बदसलूकी कर बंधक बनाया

Published : Mar 26, 2019, 08:55 AM IST
अराजक हुए जेएनयू के छात्र, बवाल के बाद कुलपति की पत्नी से बदसलूकी कर बंधक बनाया

सार

वामपंथी दलों का गढ़ मानें जाने वाले जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्रों ने सोमवार की शाम को कैंपन में जमकर बवाल काटा। अराजक हुए छात्रों ने कैंपस में स्थित कुलपति के घर में घुसकर तोड़फोड़ की। छात्रों ने कुलपति की पत्नी को भी नहीं छोड़ा और उनके साथ बदसलूकी कर उन्हें घंटों बंधक बनाए रखा।

वामपंथी दलों का गढ़ मानें जाने वाले जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्रों ने सोमवार की शाम को कैंपन में जमकर बवाल काटा। अराजक हुए छात्रों ने कैंपस में स्थित कुलपति के घर में घुसकर तोड़फोड़ की। छात्रों ने कुलपति की पत्नी को भी नहीं छोड़ा और उनके साथ बदसलूकी कर उन्हें घंटों बंधक बनाए रखा।

छात्रों की अराजकता का आलम ये था कि वह किसी की सुनने को तैयार नहीं थे। कैंपस में सिर्फ छात्रों की ही हुक्म चल रहा था। कुलपति आवास से बड़ी मुश्किल से सुरक्षा कर्मियों ने कुलपति की पत्नी को बाहर निकाला। असल में विश्वविद्यालय कैंपस में एक हफ्ते से चल रही भूख हड़ताल व विरोध प्रदर्शन चल रही थी और सोमवार की शाम को छात्र उग्र हो गए और उन्हें कई जगह पर तोड़फोड़ की और विश्वविद्यालय की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया।

आंदोलन कर रहे छात्र सोमवार देर शाम उग्र हो गया और उन्होंने कुलपति के घर का घेराव करते हुए ताले, खिड़कियों के शीशे तोड़ डाले और सुरक्षाकर्मियों से मारपीट की। छात्रों ने कुलपति की पत्नी के साथ बदसलूकी भी की गई और उन्हें उनके आवास पर बंधक बना दिया। इसके साथ ही आंदोलनकारी छात्रों ने कुलपति की पत्नी की किसी से बात करने नहीं करने दी। बाद में सुरक्षा कर्मियों ने बड़ी मुश्किल से कुलपति की पत्नी को निवास से निकाला। बताया जा रहा है कि छात्रों ने उनके साथ मारपीट की और इस दौरान वह घायल हो गई हैं। गौरतलब है कि इससे पहले भी जेएनयू छात्रसंघ समेत अन्य छात्र कुलपति के साथ मारपीट और धक्कामुक्की कर चुके हैं।

आंदोलनकारी छात्रों ने सोमवार देर शाम कुलपति प्रो. एम जगदीश कुमार के निवास का घेराव किया। हालांकि उस वक्त कुलपतिआवास पर नहीं थे। असल में छात्र इस सत्र से कंप्यूटर आधारित प्रवेश परीक्षा से दाखिला शुरू होने का विरोध कर रहे हैं।  विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि कंप्यूटर आधारित प्रवेश परीक्षा का फैसला शैक्षिक और कार्यकारिणी परिषद में हुआ था। इसके बावजूद कैंपस में वामपंथी संगठनों से जुड़े शिक्षक व छात्र सामूहिक भूख हड़ताल पर हैं।

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