राज्य में कोरोना के मामलों में लगातार इलाज हो रहा है और राज्य में सिद्ध पद्धति से भी कोरोना संक्रमितों का इलाज चल रहा है। जानकारी के मुताबिक तमिलनाडु में दो महानगरों में स्थापित 11 विशेष सिद्ध केन्द्र में भर्ती 5,725 कोरोना वायरस संक्रमितों का इलाज किया गया है और ये मरीज सिद्ध पद्धति की दवाओं से ठीक हुए हैं।
चेन्नई। तमिलनाडु में कोरोना का कहर जारी है और राज्य के विभिन्न अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों का इलाज चल रहा है। राज्य में राहत की बात ये है कि राज्य में सिद्ध पद्धति से करीब छह हजार कोरोना संक्रमितों का सफल इलाज हुआ है। वहीं 434 मरीजों का दो केंद्रो पर इलाज जारी है। वहीं राज्य में 715 मरीजों का 12 सिद्ध सीसीसी में इलाज चल रहा है।
राज्य में कोरोना के मामलों में लगातार इलाज हो रहा है और राज्य में सिद्ध पद्धति से भी कोरोना संक्रमितों का इलाज चल रहा है। जानकारी के मुताबिक तमिलनाडु में दो महानगरों में स्थापित 11 विशेष सिद्ध केन्द्र में भर्ती 5,725 कोरोना वायरस संक्रमितों का इलाज किया गया है और ये मरीज सिद्ध पद्धति की दवाओं से ठीक हुए हैं। राज्य में पारंपरिक सिद्ध चिकित्सा प्रणाली से कोरोना संक्रमितों को फायदा मिल रहा है और सिद्ध पद्धति की दवाएं कोरोना मरीजों के लिए काफी कारगर साबित हुई और तमिलनाडु में कोरोना वायरस संक्रमित करीब छह हजार मरीजों का इस पद्धति से इलाज किया गया है और वह ठीक हुए हैं।
जानकारी के मुताबिक राज्य में सात अगस्त तक तमिलनाडु में दो महानगरों सहित विभिन्न स्थानों पर स्थापित 11 विशेष सिद्ध कोविड-19 सेंटर में भर्जी मरीजों का इलाज सिद्ध पद्धति से किया गया था। यहां भर्ती 5,725 कोरोना मरीज सिद्ध पद्धति की दवाओं से ठीक हुए हैं। चेन्नई के जवाहर विद्यालय और व्यासपर्दी स्थित डॉ. आम्बेडकर राजकीय कला महाविद्यालय में सिद्ध पद्धति केन्द्र स्थापित किए गए हैं। यहां पर फिलहाल दो केन्द्रों में 434 मरीजों का इलाज चल रहा है, 715 मरीजों का जिले के 12 सिद्ध सीसी केन्द्र में इलाज चल रहा है। इसके अलावा चेन्नई के अलावा वेल्लोर में सबसे अधिक 1,258 मरीजों का इलाज सिद्ध पद्धति से चल रहा है। इसके साथ साथ ही राज्य के तिरुवन्नामलाई, थाचर, वेल्लोर, थिरुपुथुर, रानीपेट, तेनकाशी, विल्लुपुरम और कोयंबटूर में सिद्ध केन्द्र में कोरोना संक्रमितों का इलाज चल रहा है।
राज्य सरकार ने दिया था सिद्ध दवाओं के इस्तेमाल का आदेश
असल में राज्य सरकार ने जड़ी बूटी से तैयार और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सक्षम सिद्ध पद्धति की दवा ‘कबसुरा कुदीनीर’ को इलाज में शामिल करने का आदेश था। जिसके बाद राज्य सरकार ने इलाज के लिए आयुर्वेद, योग, नैचुरोपैथी, यूनानी, सिद्ध और होमियोपैथी को शामिल किया था।