साइबेरियन पक्षियों की चहचहाहट से गुलजार रहने वाली सेंचुरी पर अतिक्रमण की मार

Team MyNation  | Published: Nov 16, 2018, 5:32 PM IST

गुरुग्राम- 26 जनवरी 2015 की परेड में जिस सुल्तानपुर राष्ट्रीय पक्षी उद्यान की झांकी पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के सामने प्रस्तुत किया गया था, आज उसी सुल्तानपुर नेशनल पार्क का अस्तित्व बर्ड सेंचुरी के साथ लगती जमीनों में इलाको में धड़ल्ले से जारी अवैध कंस्ट्रक्शन के चलते खतरे में पड़ता जा रहा है।

सरकारी अनदेखी ही कहेंगे कि जहाँ पहले नेशनल पार्क का दायरा 5 किलोमीटर तक किसी भी तरह की कंस्ट्रक्शन के लिए प्रतिबंधित था अब इसका दायरा घटा कर 500 मीटर और फिर 300 मीटर तक कर दिया गया है। इसके चलते जो पक्षी उद्यान इस समय तक हज़ारों पक्षियों की चचाहट से गुलज़ार रहता था वही इस बार पक्षियों की संख्या में खासी कमी दर्ज की जा रही है....

दरअसल आज से 20 से 25 साल पहले हज़ारों की संख्या में देशी और विदेशी पक्षी साइबेरिया से साउथ एशिया से यूरोप से 18 हज़ार किलोमीटर का लंबा रास्ता तय करके सुल्तानपुर नेशनल पार्क में सर्दी में प्रवास करते थे। इसमें रोजी पिलिकन भी शामिल था। इसी कारण इस राष्ट्रीय उद्यान का नाम भी सुल्तानपुर रोजी पिलिकन राष्ट्रीय उद्यान रखा गया था लेकिन इसे शहरीकरण की मार कहें या इंसानी छेड़छाड़ जो रोजी पिलिकन समेत कई ऐसी प्रजातियां इस बर्ड सेंचुरी को गुलज़ार किया करती थी, अब सुल्तानपुर नेशनल बर्ड सेंचुरी से किनारा कर लिया है।

बढ़ता प्रदूषण और सुल्तानपुर नेशनल पार्क के सामने आस-पास की जमीनों में लगातार अवैध निर्माण जारी है। धीरे धीरे इस राष्ट्रीय उद्यान का दायरा सिमटता जा रहा है और इसके अस्तित्व पर लगातार खतरा मंडरा रहा है।