बोर्ड के अध्यक्ष जुफर फारूकी ने कहा था कि वह अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। लेकिन एक कट्टरपंथी धड़े का कहना है कि बोर्ड को जमीन नहीं लेनी चाहिए। क्योंकि मुस्लिम समाज मस्जिद बनाने के लिए कभी भी जमीन खरीद सकता है। हालांकि फारूकी ने कहा बोर्ड की बैठक सरकार द्वारा जमीन के आवंटन से संबंधित दस्तावेजों पर विचार-विमर्श करेगी।
लखनऊ। अयोध्या में मस्जिद के लिए जमीन लेने को लेकर आज उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की अहम बैठक होने जा रही है। इस बैठक में बोर्ड मस्जिद निर्माण के लिए दी गई जमीन को लेकर अपनी बैठक में अंतिम फैसला कर सकता है।
हालांकि जमीन को लेकर बोर्ड में अलग अलग राय है। लेकिन ज्यादातर सदस्यों का कहना है कि वहां पर स्कूल और अस्पताल बनने चाहिए। बोर्ड के अध्यक्ष जुफर फारूकी ने कहा था कि वह अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। लेकिन एक कट्टरपंथी धड़े का कहना है कि बोर्ड को जमीन नहीं लेनी चाहिए। क्योंकि मुस्लिम समाज मस्जिद बनाने के लिए कभी भी जमीन खरीद सकता है। हालांकि फारूकी ने कहा बोर्ड की बैठक सरकार द्वारा जमीन के आवंटन से संबंधित दस्तावेजों पर विचार-विमर्श करेगी।
उस जमीन के हिस्से पर क्या बनाया जाना चाहिए, इस पर भी फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन किया। लेकिन मस्जिद को लेकर कोई निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। गौरतलब है कि नवंबर में रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने रामलला के पक्ष में फैसला सुनाया था। वहीं कोर्ट ने कहा था किअयोध्या के भीतर एक मस्जिद के लिए एक वैकल्पिक पांच एकड़ का भूखंड मिलना चाहिए।
हालांकि जमीन को लेकर सुन्नी फारूखी का कहना है कि अगर अयोध्या में मस्जिद के निर्माण के लिए पांच एकड़ वैकल्पिक भूमि को अस्वीकार किया जाता है तो यह अदालत की अवमानना होगी। इस महीने ही उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या के सोहावल क्षेत्र के धनीपुर गांव में भूखंड के लिए बोर्ड को आवंटन पत्र दिया था। यह जिला मुख्यालय से लगभग 20 किमी दूर अयोध्या-लखनऊ राजमार्ग पर है।