सुप्रीम कोर्ट ने किसानों को 6000 रुपये सालाना गारंटी आय वाली किसान सम्मान निधि योजना के खिलाफ दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया है।
नई दिल्ली: मोदी सरकार की इस योजना के खिलाफ दायर की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि हमें लगता है कि हम इस पर सुनवाई नहीं कर सकते। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा था कि यह योजना उचित नहीं है।
मोदी सरकार की किसान सम्मान निधि योजना से उन किसान परिवारों को फायदा मिल रहा है जिनके पास पांच एकड़ से कम खेतिहर जमीन है। केंद्रीय चुनाव आयोग से हरी झंडी मिलने के बाद पीएम-किसान निधि से किसानों के खाते में दूसरी किस्त अप्रैल के पहले हफ्ते से ही जमा होनी शुरू हो जाएगी।
इसके लिए चुनाव आयोग से अनुमोदन की अनुमति पहले से ही मांग ली गई थी। देश के पौने पांच करोड़ किसानों को इसका लाभ मिल जाएगा। इसमें से उत्तर प्रदेश, गुजरात व महाराष्ट्र के किसानों की संख्या सबसे ज्यादा है।
चुनाव आयोग ने उन किसानों को भी योजना की पहली व दूसरी किस्त देने की स्वीकृति दे दी है। जिनके नाम सूची में दर्ज कराने के लिए राज्यों ने चुनाव आचार संहिता लगने तक भेज दी है। आयोग ने भी हामी भर लिया है।
पीएम-किसान निधि के तहत देश के साढ़े 12 करोड़ लघु व सीमांत किसानों को इसका लाभ दिया जाना है। इस योजना के तहत 2.75 करोड़ किसानों की पहली किस्त का दो-दो हजार रुपये जमा कराया गया है। अब तक कुल 4.76 करोड़ लघु व सीमांत किसानों के नाम सूची में दर्ज किए जा चुके हैं।
दरअसल केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव के ठीक पहले संसद में पेश अंतरिम बजट में योजना के शुरू करने की घोषणा की थी। योजना पर कुल 75 हजार करोड़ रुपये का सालाना खर्च आएगा। इसके तहत देश के साढ़े बारह करोड़ किसानों को हर साल छह हजार रुपये नगद दिया जाएगा। योजना की औपचारिक शुरुआत 24 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी।