राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवाद पर जल्द सुनवाई मामले में अहम सुनवाई आज

By Team MyNation  |  First Published Jul 11, 2019, 7:11 AM IST

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ इस मामले में आज सुबह सुनवाई शुरू करेगी। असल में हिन्दू पक्षकार गोपाल सिंह विशारद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है कि मध्यस्थता में कोई ठोस प्रगति नहीं हो रही है। लिहाजा इस मामले में जल्द से जल्द सुनवाई की जानी चाहिए। 

राम मंदिर बाबरी मस्जिद विवादित मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनावाई होगी। ये सुनवाई इस मामले को जल्द सुनने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दायर की गयी है। क्योंकि पिछले सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट में मध्यस्थता कमेटी ने मध्यस्थता प्रक्रिया के लिए अतिरिक्त समय की मांग की थी। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी को 15 अगस्त तक का समय दिया है।

आज सुप्रीम कोर्ट में राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवाद पर जल्द सुनवाई की जाएगी। इस मामले में जल्द सुनवाई की मांग करने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ इस मामले में आज सुबह सुनवाई शुरू करेगी।

असल में हिन्दू पक्षकार गोपाल सिंह विशारद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है कि मध्यस्थता में कोई ठोस प्रगति नहीं हो रही है। लिहाजा इस मामले में जल्द से जल्द सुनवाई की जानी चाहिए। क्योंकि पिछली सुनवाई में मध्यस्थता कमेटी ने मध्यस्थता के लिए और ज्यादा समय की मांग की थी और फिर इसके बाद कमेटी का समय 15 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया गया है। 

सुप्रीम कोर्ट ने आठ मार्च को पूर्व जज एफएम कलीफुल्ला, धर्म गुरु श्रीश्री रविशंकर और वरिष्ठ वकील श्रीराम पंचु की एक मध्यस्थता कमेटी का गठन किया था। जिसको इस मामले में बातचीत के जरिए हल खोजने के लिए कहा गयाय था। ताकि इस मसले का सर्वमान्य तरीके से हल निकाला जाज सके।

सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी को 4 हफ्ते में मध्यस्थता के जरिए विवाद निपटाने की प्रक्रिया शुरू करने के साथ 8 हफ्ते में यह प्रक्रिया खत्म करने का आदेश दिया था। लेकिन अभी तक इस मामले में रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को नहीं दी गयी है। हालांकि पहले कोर्ट ने कहा था कि अगर 1 फीसदी भी समझौता और मध्यस्थता की गुंजाइश हो तो प्रयास किया जाना चाहिए। असल में हिंदू और मुस्लिम पक्षकारो का कहना था कि पहले भी अदालत की पहल पर इस तरह से विवाद को सुलझाने की कोशिश नाकामयाब हो चुकी है।

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