पटना स्थित राजद मुख्यालय में पार्टी के लालू प्रसाद यादव को सर्वसम्मति से पार्टी का फिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया। वह एक बार फिर निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। लालू लगातार 11 वीं बार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने हैं। इस पद के लिए लालू प्रसाद यादव के बेटे और विधायक तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव ने संयुक्त रूप से चार सेट में उनका नामांकन दाखिल किया गया, लेकिन को अन्य प्रत्याशी न होने के कारण उन्हें फिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया।
पटना। चारा घोटाले में सजायाफ्ता और रांची के अस्पताल में इलाज करा रहे राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद एक बार फिर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने हैं। लागू लगातार 11 वीं बार पार्टी के अध्यक्ष बने हैं। हालांकि तेजस्वी प्रसाद यादव को पार्टी की कमान नहीं मिली है। जबकि इसके लिए तेजस्वी प्रसाद यादव के समर्थक लालू पर दबाव बनाए हुए थे कि जेल में बंद होने की स्थिति में तेजस्वी को कार्यकारी अध्यक्ष के पद पर नियुक्ति किया जाए।
पटना स्थित राजद मुख्यालय में पार्टी के लालू प्रसाद यादव को सर्वसम्मति से पार्टी का फिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया। वह एक बार फिर निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। लालू लगातार 11 वीं बार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने हैं। इस पद के लिए लालू प्रसाद यादव के बेटे और विधायक तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव ने संयुक्त रूप से चार सेट में उनका नामांकन दाखिल किया गया, लेकिन को अन्य प्रत्याशी न होने के कारण उन्हें फिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया। लालू को अध्यक्ष बनाने के लिए 40 प्रस्तावकों ने हस्ताक्षर किए हैं।
हालांकि लालू प्रसाद के निर्विरोध चुने जाने की अधिसूचना कर दी गई है। लेकिन औपचारिक घोषणा 10 दिसंबर को राष्ट्रीय परिषद की बैठक में की जाएगी। फिलहाल लालू प्रसाद यादव के फिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष बन जाने के बाद तेजस्वी के अध्यक्ष बनने का रास्ता बंद हो गया है। असल में तेजस्वी समर्थक विधानसभा चुनाव से पहले तेजस्वी यादव को पार्टी की कमान दिए जाने की मुहिम चला रहे थे। लेकिन एक धड़ा इसके खिलाफ थे। वहीं तेजस्वी समर्थक चाहते थे कि तेजस्वी को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर उन्हें सभी तरह की शक्तियां दी जाए।
लेकिन पार्टी में टूट की आशंका को देखते हुए अभी तक ये फैसला नहीं लिया गया है। माना जा रहा है कि पारिवारिक कलह रोकने लालू को फिर से अध्यक्ष बनाने का फैसला किया गया। क्योंकि पार्टी का एक तबका इसके खिलाफ है और उसका मानना है कि ऐसा करने से पार्टी का नुकसान होगा। ऐसा माना जा रहा है कि अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के साथ-साथ परिवार के अंदर के मतभेद को रोकने के लिए लालू ने स्वयं ही राजद का राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहने का फैसला लिया।