हरियाणा की तरह कई और जगहों पर मस्जिदों के जरिए फैला है आतंक का जाल !

By Team MynationFirst Published Oct 17, 2018, 7:45 PM IST
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आतंकी संगठनों के पैसों से मस्जिद बनाने की मामला मात्र हरियाणा के पलवल तक ही सीमित नहीं है। जांच के दायरे में अब देश के कई और जिले आ गए हैं। क्योंकि इन इलाकों में आतंकी फंडिंग को लेकर पहले भी गिरफ्तारियां की जा चुकी हैं।


हरियाणा के पलवल में लश्करे तैयबा के पैसे से आलीशान मस्जिद बनाने के मामले का खुलासा होने के बाद सुरक्षा एजेन्सियों के कान खड़े  हो गए हैं। 

आशंका है कि देश के और भी कई हिस्सों में इसी तर्ज पर आतंकवादी संगठनों के पैसे का इस्तेमाल करके स्थानीय नेटवर्क खड़ा किया जा रहा है। 

पलवल की मस्जिद में हाफिज सईद से मिले पैसे का खुलासा करने के बाद एनआईए अपनी जांच का दायरा बढ़ाने पर विचार कर रही है। 

एनआईए के सूत्रों के मुताबिक आतंकी फंड से मस्जिद बनाने की मामला मात्र हरियाणा के पलवल तक ही सीमित नहीं है। एजेन्सी की जांच के दायरे में अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ जिले भी आ गए हैं। क्योंकि यहां आतंकी फंडिंग को लेकर पहले भी गिरफ्तारियां की जा चुकी हैं। 

पलवल में आतंकी फंड से मस्जिद बनवाने का आरोपी सलमान के संपर्क भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों से थे। 
एनआईए के अधिकारियों को आशंका है, कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलावा आतंकियों के संपर्क बिहार, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर और केरल में भी हो सकते हैं। क्योंकि इन स्थानों पर पहले भी गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।

दरअसल सीमा पर कड़ी निगरानी के चलते अब घुसपैंठ मुश्किल हो गई है। इसलिए आतंकी संगठनों ने देश में टेरर मॉड्यूल खड़ा करने का नया तरीका निकाला है। अब वह लोग पैसे के जरिए देश के अंदर ही आतंकी नेटवर्क खड़ा करने की फिराक में हैं। 

इसके लिए हवाला के जरिए पैसा देश में लाया जा रहा है और उससे आलीशान इमारतें खड़ी की जा रही हैं। पिछले कुछ सालों से देश के कई हिस्सों अचानक बड़ी बड़ी मस्जिदनुमा इमारतें या मदरसे खड़े होते हुए दिखे हैं। 
जरुरी नहीं है, कि ऐसी हर इमारत का संबंध आतंकी संगठनों से हो। लेकिन अचानक इस तरह की इमारतों की बहुतायत संदेह जरुर पैदा करती है। 

इसलिए खुफिया विभाग इस तरह की इमारतों के लिए जमा की गई फंडिंग की जांच में जुट गई है।
 
इसके अलावा एक और सनसनीखेज खबर यह भी है, कि सोशल मीडिया के जरिए कट्टरता फैलाने की कोशिश भी लगातार जारी है। जिससे आतंकी संगठनों का जमीनी कैडर तैयार किया जा सके। इसके लिए भी हवाला के जरिए फंडिंग की जा रही है। 

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