केन्द्र सरकार ने जारी किए लॉकडाउन के नये दिशानिर्देश, लेकिन शराब के शौकिनों के खबर अच्छी नहीं

By Team MyNationFirst Published Apr 15, 2020, 12:49 PM IST
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केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने लॉकडाउन पार्ट 2 के लिए नए नियम जारी कर दिए हैं।  नए नियमों में सबसे बड़ा धक्का शराब के शौकिनोंको लगा है। क्योंकि शराब के शौकिनों को उम्मीद थी कि केन्द्र सरकार शराब की दुकानों को लॉकडाउन के दौरान छूट दे सकती है। वहीं कई राज्य सरकारें भी चाहती थी कि शराब की दुकानें खुलें।  
नई दिल्ली। तीन मई तक जारी रहने वाले वाले लॉकडाउन के लिए सरकार ने नये दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं।  इसके तहत माल की अंतर-राज्य परिवहन ढुलाई की अनुमति होगी। वहीं केन्द्र सरकार ने नए दिशानिर्देश में शराब के शौकिनों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। क्योंकि केन्द्र सरकार ने शराब की दुकानों को ल़ॉकडाउन में छूट नहीं दी है। जबकि कई राज्य सरकारें चाहते थे कि लॉकडाउन के दौरान शराब की बिक्री की अनुमति मिले।


केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने लॉकडाउन पार्ट 2 के लिए नए नियम जारी कर दिए हैं।  नए नियमों में सबसे बड़ा धक्का शराब के शौकिनोंको लगा है। क्योंकि शराब के शौकिनों को उम्मीद थी कि केन्द्र सरकार शराब की दुकानों को लॉकडाउन के दौरान छूट दे सकती है। वहीं कई राज्य सरकारें भी चाहती थी कि शराब की दुकानें खुलें।  क्योंकि सरकार को राजस्व को भारी नुकसान हो रहा है।  हालांकि असम  में सरकार ने शराब की दुकानों को खोल दिया है।  जबकि केरल और तमिलनाडु जैसे राज्य भी इसे शराब की दुकानों को छूट देने की मांग कर रहे थे।

केन्द्र सरकार ने जो दिशानिर्देश जारी किए उसके मुताबिक 20 अप्रैल के बाद कुछ क्षेत्रों को छूट दी जाएगी। नई गाइडलाइन में फसल काटने और बुवाई करने की छूट है तो  किसानों की उपज खरीदने की भी इजाजत दी गई है। इसके साथ ही मछली पालन से जुड़ी गतिविधियों को भी छूट दी गई है। इसके अलावा राज्य सरकारों की ओर से किए जा रहे कंट्रक्शन कार्यों को छूट दी गई है। इसके अलावा मेडिकल इमरजेंसी पर पाबंदी में ढील दी जाएगी। इसके अलावा जरूरी सामानों की होम डिलीवरी होगी।


लेकिन केन्द्र सरकार ने शराब की दुकानों की खोलने की अनुमति नहीं दी।  जिसकी मांग राज्य सरकारें कर रहे थे।  राज्यों सरकार को हर साल अरबो रूपये राजस्व के तौर पर शराब से मिलता है। गौरतलब है कि केरल सरकार ने पिछले दिनों ऑनलाइन शराब की बिक्री करने की योजना बना दी थी। जिसके बाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के फैसले पर दो हफ्ते तक रोक लगा दी थी। वहीं अन्य राज्य सरकारें शराब से होने वाले राजस्व के नुकसान को लेकर चिंतित थे।

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