हालांकि चीनी सरकार और सेना ने अभी तक इस बात को नहीं स्वीकारा है कि उसके 40 से ज्यादा सैनिक मरे हैं या फिर गंभीर रूप से घायल हुए हैं। जबकि भारत ने कल ही स्वीकार कर लिया था कि उसने इस झड़प में 20 बहादुर सैनिकों को खोया है। लेकिन जो जानकारी अब सामने आ रही हैं उसके मुताबिक भारतीय सैनिकों के साथ झड़प में चीनी सेना का कमांडिंग अफसर भी मारा गया है और उसके करीब 40 जवान हताहत हुए हैं।
नई दिल्ली। भारत और चीनी के सैनिकों के बीच लद्दाख के गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में चीनी सेना का कमांडिंग अफसर समेत 40 सैनिकों के मारे जाने की खबर है। हालांकि अभी तक चीन ने इस जानकारी को सार्वजनिक नहीं किया है। लेकिन भारत के साथ ही विदेशी मीडिया में जो जानकारी सामने आ रही हैं उसके मुताबिक चीन को काफी नुकसान पहुंचा है और ये भी हो सकता है कि उसके 40 से ज्यादा सैनिक इस झड़प में मरे हों। लेकिन चीन को लगता है कि अगर उसने इस सच्चाई को मान लिया कि उसका ज्यादा नुकसान हुआ है तो वह दुनिया के सामने बदनाम हो जाएगा।
हालांकि चीनी सरकार और सेना ने अभी तक इस बात को नहीं स्वीकारा है कि उसके 40 से ज्यादा सैनिक मरे हैं या फिर गंभीर रूप से घायल हुए हैं। जबकि भारत ने कल ही स्वीकार कर लिया था कि उसने इस झड़प में 20 बहादुर सैनिकों को खोया है। लेकिन जो जानकारी अब सामने आ रही हैं उसके मुताबिक भारतीय सैनिकों के साथ झड़प में चीनी सेना का कमांडिंग अफसर भी मारा गया है और उसके करीब 40 जवान हताहत हुए हैं। जानकारी के मुताबिक सीमा पर झड़प के बाद चीनी सीमा की तरफ बड़ी संख्या में एम्बुलेंस, स्ट्रेचर पर घायल और मृत चीनी सैनिकों ले जाते हुए देखा गया है।
वहीं रात में हेलीकॉप्टर की भी आवाजाही देखी गई। जिसके बाद माना जा रहा है चीन को उम्मीद से ज्यादा नुकसान पहुंचा है और वह दुनिया में बदमान होने के डर से इसे छिपा रहा है। क्योंकि चीनी सेना ये दंभ भरती है कि वह दुनिया में सबसे ज्यादा शक्तिशाली और ताकतवर है। चीन ने अपनी ओर से अभी तक किसी भी जानकारी की पुष्टि नहीं की है। भारतीय मीडिया में जो जानकारी सामने आ रही है उसके मुताबिक चीनी सेना का एक कमांडिंग अफसर मारा गया है।
सरकार ने नहीं अखबार ने स्वीकारा चीन को हुआ है नुकसान
अभी तक चीन ने इस बात को स्वीकार नहीं किया है कि उसे इस झड़प में नुकसान पहुंचा है। क्योंकि उसे डर है कि इस बात को स्वीकार करने के बाद उसकी ताकत को लेकर दुनिया में उसकी बदमानी होगी। लिहाजा चीनी सरकार अपने मुखपत्र माने जाने वाले ग्लोबल टाइम्स के जरिए भारी नुकसान की बात को स्वीकार कर रही है। हालांकि अखबार भी मारे गए सैनिकों की संख्या बताने से इंकार कर रहा है।