अनंत सिंह ने आरोप लगाया था कि लिपि सिंह बिहार के राज्यसभा सांसद और बाहुबली ललन सिंह के साथ मिलकर उनके खिलाफ साजिश कर रही हैं। लिपि सिंह 2016 बैच की आईपीएस अफसर हैं और दबंग अफसरों में मानी जाती है। उन्हें बिहार में लेडी सिंघम कहा जाता है। जिस अनंत सिंह के नाम से पूरा बिहार कांपता है उसमें लिपि सिंह ने पुलिस की फाइलों में भगोड़ा घोषित कर दिया।
पटना। बाहुबली विधायक अनंत सिंह के खिलाफ कार्रवाई करने वाली आईपीएस अफसर लिपि सिंह को बिहार में लेडी सिंघम कहा जाता है। लिपि सिंह ने अनंत सिंह पर इस तरह कार्यवाही की कि वह राज्य छोड़कर दिल्ली में सरेंडर करने को मजबूर हो गए। लेकिन क्या आपको मालूम है कि लिपि सिंह के पिता आरसीपी सिंह बिहार से सीएम नीतीश कुमार के राइटहैंड माने जाते हैं और राज्यसभा सांसद है। आरसीपी सिंह भी कभी उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस थे।
अनंत सिंह ने आरोप लगाया था कि लिपि सिंह बिहार के राज्यसभा सांसद और बाहुबली ललन सिंह के साथ मिलकर उनके खिलाफ साजिश कर रही हैं। लिपि सिंह 2016 बैच की आईपीएस अफसर हैं और दबंग अफसरों में मानी जाती है। उन्हें बिहार में लेडी सिंघम कहा जाता है। जिस अनंत सिंह के नाम से पूरा बिहार कांपता है उसमें लिपि सिंह ने पुलिस की फाइलों में भगोड़ा घोषित कर दिया। लिपि सिंह के पिता नीतीश कुमार के सबसे भरोसेमंद नेता माने जाते हैं।
पिछले दिनों जब केन्द्र में नरेन्द्र मोदी की सरकार बनी तो नीतीश कुमार आरसीपी सिंह को ही केन्द्र में मंत्री बनाना चाहते थे। आरसीपी सिंह यूपी कैडर के आईएएस थे और जब राज्य में पहली बार नीतीश कुमार की सरकार बनी तो वह डेपुटेशन पर बिहार चले गए और उसके बाद उन्होंने रिटायरमेंट ले लिया था।
असल में लोकसभा चुनाव के दौरान अनंत सिंह ने चुनाव की शिकायत कर लिपि सिंह को बाढ़ से हटा दिया था। लेकिन चुनाव के बाद लिपि सिंह ने अनंत सिंह के खिलाफ मुहिम छोड़ दी। अनंत सिंह के खिलाफ कई दर्जन मुकदमें दर्ज हैं और लिपि सिंह ने इन्हीं मुकदमों को अपना हथियार बनाया है और अनंत सिंह के खिलाफ कार्यवाही शुरू की।
लिपि सिंह की अगुवाई में ही अनंत सिंह के बाढ़ के लदमा गांव स्थित पैतृक आवास में छापेमारी की थी। इस दौरान पुलिस ने उनके घर से एके 47 सेमी ऑटोमेटिक राइफल, दो हैंड ग्रेनेड और 26 जिंदा कारतूस बरामद किए थे। जिसके बाद अनंत सिंह के खिलाफ यूएपीए के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। अनंत सिंह भी किसी दौर में नीतीश कुमार के करीबी माने जाते थे। लेकिन बाद में दोनों के बीच मतभेद होने के बाद नीतीश कुमार ने दूरी बना ली।
असल में बाढ़ से लिपि सिंह को हटाने के बाद लिपि सिंह अनंत सिंह से चिढ़ गई थी और चुनाव खत्म होने के बाद लिपि सिंह को दोबारा बाढ़ में दोबारा एसडीपीओ पद पर तैनात किया गया। हालांकि ये भी कहा जाता है कि लिपि सिंह को सरकार का संरक्षण मिला है और वह जो चाहती हैं वह करती हैं।