पीएम की बधाई में छिपा है महाराष्ट्र में सरकार के बहुमत का खेल!

असल में महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन की सियासी बाजी फिर उलझ कर रह गई है। राज्य में भाजपा ने एनसीपी के बागी अजित पवार के साथ मिलकर सरकार बना ली है और राज्यपाल ने उन्हें 30 नवंबर का समय दिया है। जिसमें उन्हें सदन के भीतर बहुतम साबित करना है। राज्य में हुए इस सियासी घटनाक्रम के बाद शनिवार को एनसीपी के बागी विधायक शरद पवार के पास लौट कर चले आए थे। 

The government's majority game in Maharashtra is hidden in PM's congratulations!

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में सरकार का सियासी संग्राम अब सुप्रीम कोर्ट के पास पहुंच गया है। महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। जिसके बाद राज्य में राजनैतिक हालत में बदलाव आ सकता है। लेकिन अब सबकी नजर सुप्रीम कोर्ट के साथ ही पीएम नरेन्द्र मोदी के राज्य के सीएम देवेन्द्र फडणवीस को दिए गए बधाई संदेश पर है। क्योंकि पीएम मोदी ने जिस तरह से फडणनीस को सीएम बनने पर बधाई दी दी। उसको देखकर तो यही लगता है कि पीएम राज्य में सरकार बनाने को लेकर आश्वस्त हैं।

The government's majority game in Maharashtra is hidden in PM's congratulations!

असल में महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन की सियासी बाजी फिर उलझ कर रह गई है। राज्य में भाजपा ने एनसीपी के बागी अजित पवार के साथ मिलकर सरकार बना ली है और राज्यपाल ने उन्हें 30 नवंबर का समय दिया है। जिसमें उन्हें सदन के भीतर बहुतम साबित करना है। राज्य में हुए इस सियासी घटनाक्रम के बाद शनिवार को एनसीपी के बागी विधायक शरद पवार के पास लौट कर चले आए थे। जिसकी भाजपा सरकार को समर्थन देने वाले अजित पवार अलग थलग पड़ गए है। गौरतलब है कि राज्य में सरकार बनाने के लिए 145 विधायकों की जरूरत है। लेकिन बगैर एनसीपी के भाजपा का सदन में बहुमत सिद्ध करना आसान नहीं है।

लेकिन में नई सरकार के गठन के लिए पीएम नरेन्द्र मोदी की बधाई के जरिए इस पूरे घटनाक्रम को देखा जा रहा है। राजनैतिक विशेषज्ञों का कहना है कि जिस तरह के पीएम मोदी ने राज्य  में नई सरकार को बधाई दी है। उसको देखकर लगता है कि वह राज्य में सरकार बनाने को लेकर आश्वस्त हैं। असल में कुछ दिन पहले ही पीएम नरेन्द्र मोदी की एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात हुई थी। इस मुलाकात पर कांग्रेस को परेशानी थी। लेकिन पीएम मोदी ने जिस तरह से नई सरकार को बधाई दी है।

उसको देखकर लगता है कि राज्य में सरकार के बहुतम के लिए स्क्रिप्ट पहले से ही लिख दी गई है। जो अभी दिख नहीं रही है। क्योंकि नरेन्द्र मोदी और अमित शाह के पास अगर समर्थन नहीं होता तो वह बधाई नहीं देते। क्योंकि माना जाता है कि मोदी स्थिति पूरी तरह साफ नहीं होने तक किसी सीएम या सरकार को बधाई नहीं देते हैं। क्योंकि इससे पहले ही भी पीएम मोदी ने सदन में बहुमत साबित होने के बाद ही कर्नाटक के सीएम बीएस येदियुरप्पा को बधाई दी थी।

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