‘इटैलियन मम्मी’ की हां और ना पर फंसा है भगवाधारी ‘सेक्युलर’ शिवसेना का राजनैतिक भविष्य

महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लेकर कांग्रेस के तीन बड़े नेता मुंबई पहुंच रहे हैं। जहां वह एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात कर राज्य में सरकार के लिए बातचीत करेंगे। कांग्रेस नेता अहमद पटेल, मल्लिकार्जुन खड़गे और मुंबई पहुंचने वाले हैं। वहां पर वह शरद पवार से मुलाकात कर राज्य में सरकार बनाने के लिए बातचीत करेंगे। हालांकि शरद पवार ने सरकार को समर्थन देने की गेंद सोनिया गांधी के पाले में डाल दी थी। लेकिन इस पर सोमवार रात तक कोई फैसला नहीं हो सका था। 

The political future of the saffron-based 'secular' Shiv Sena is stuck on the 'yes and no' of the Italian mummy

नई दिल्ली। कभी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के धुरविरोधी रहे शिवसेना संस्थापक बालासाहेब ठाकरे उन्हें इटैलियन मम्मी कह कर तंज कसते थे। अब उन्हीं इटैलियन मम्मी यानी सोनिया गांधी की हां और ना पर शिवसेना का राजनैतिक वजूद टिका हुआ है। क्योंकि शिवसेना भाजपा से गठबंधन तोड़ चुकी है और राज्य में सरकार बनाने के लिए वह एनसीपी और कांग्रेस से रिश्ता जोड़ने के लिए तत्पर दिखाई दे रही है। लेकिन अभी तक सोनिया गांधी ने अपनी रजामंदी नहीं दी है।   

The political future of the saffron-based 'secular' Shiv Sena is stuck on the 'yes and no' of the Italian mummy

महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लेकर कांग्रेस के तीन बड़े नेता मुंबई पहुंच रहे हैं। जहां वह एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात कर राज्य में सरकार के लिए बातचीत करेंगे। कांग्रेस नेता अहमद पटेल, मल्लिकार्जुन खड़गे और मुंबई पहुंचने वाले हैं। वहां पर वह शरद पवार से मुलाकात कर राज्य में सरकार बनाने के लिए बातचीत करेंगे। हालांकि शरद पवार ने सरकार को समर्थन देने की गेंद सोनिया गांधी के पाले में डाल दी थी। लेकिन इस पर सोमवार रात तक कोई फैसला नहीं हो सका था। जिसके बाद आज दोपहर कांग्रेस के नेता सोनिया गांधी  से मिले।

वहीं शरद पवार ने राज्य में सरकार न बनाने का ठिकरा सोनिया गांधी पर फोड़ा। इसके बाद सोनिया गांधी ने नेताओं को मुंबई भेजने का फैसला किया है। हालांकि कल रात तक ये कहा जा रहा था कि कोई भी कांग्रेस का नेता मुंबई नहीं जाएगा। लेकिन राज्य के बदलते राजनैतिक घटनाक्रम में कांग्रेस आलाकमान ने नेताओं को मुंबई भेजने का फैसला किया है। जबकि कांग्रेस के विधायक राजस्थान के जयपुर में टिके हुए हैं। क्योंकि कांग्रेस को डर था कि कर्नाटक की तरह भाजपा राज्य में भी ऑपरेशन लोटस शुरू कर सकती है। 

बुरे फंसे उद्धव ठाकरे

बहरहाल राज्य में सरकार बनाने के लिए विभिन्न दलों के दरवाजे पर जा रहे उद्धव ठाकरे ठगा महसूस कर रहे हैं। क्योंकि न तो कांग्रेस और न ही एनसीपी ने अभी तक समर्थन देने का फैसला किया है। वहीं खबर आ रही है कि एनसीपी शिवसेना की तर्ज पर राज्य में 50—0 का फार्मूला चाहती है। जिसके तरह राज्य में सीएम नियुक्त किया जाएगा। वहीं विभागों को लेकर भी एनसीपी ने शिवसेना पर दबाव बनाया है। वहीं कांग्रेस के ज्यादातर विधायक सरकार में शामिल होने की वकालत कर रहे हैं। लिहाजा कांग्रेस की हिस्सेदारी भी सरकार में होगी।

vuukle one pixel image
click me!