जाने आखिर क्यों मध्य प्रदेश विधानसभा में 42 के बाद बनने जा रहा है इतिहास

By Team MyNation  |  First Published Jan 8, 2019, 10:05 AM IST

मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद राज्य विभानसभा का पहला सत्र आज इतिहास बनने जा रहा है. क्योंकि इससे पहले राज्य में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ, जो आज होने जा रहा है. 

मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद राज्य विभानसभा का पहला सत्र आज इतिहास बनने जा रहा है. क्योंकि इससे पहले राज्य में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ, जो आज होने जा रहा है. असल में राज्य विभानसभा अध्यक्ष के लिए कांग्रेस और भाजपा ने अपने नेताओं को उतारा है. जिसके कारण अब वोटिंग के जरिए ही राज्य विधानसभा के अध्यक्ष का नाम तय होगा. विधानसभा अध्यक्ष के इतिहास में पिछले 42 साल में कभी विधानसभा अध्यक्ष के लिए वोटिंग नहीं हुई.

आज राज्य में नई कांग्रेस सरकार शक्ति परीक्षण करेगी, वहीं विधानसभा अध्यक्ष के लिए दोनों दलों को शकित परीक्षण करना होगा. जो जीतेगा उस पार्टी का नेता विधानसभा अध्यक्ष बनेगा. इस पद के लिए कांग्रेस ने एनपी प्रजापति और भाजपा ने विजय शाह को मैदान में उतारा है. असल में राज्य विधानसभा में आज से करीब 42 साल पहले अध्यक्ष के लिए वोटिंग हुई थी. उस वक्त संबित सरकार के कार्यकाल में हुए वोटिंग में कांग्रेस के प्रत्याशी काशीनाथ पांडे को 172 और सोशलिस्ट पार्टी के चंद्र प्रकाश मिश्रा को 117 वोट मिले थे. सोमवार को कांग्रेस ने अपने विधायकों को वोटिंग करने के लिए ट्रेनिंग दी ताकि किसी का वोट खराब न जाए.

वहीं कई दिनों से नाराज चल रहे निर्दलीय विधायकों को कल ही ख्यमंत्री न रात्रि को भोजन में बुलाया.ताकि उनकी नाराजगी कम हो सके और सरकार को कोई खतरा न आए. इसमें निर्दलीय विधायकों के साथ ही सपा और बसपा के विधायक भी थे. वहीं भाजपा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि कांग्रेस ने प्रोटेम स्पीकर के चयन में संसदीय परंपरा तोड़ी है. सदन में जब सात से आठ बार के विधायक हैं तो वरिष्ठता के आधार पर उन्हें प्रोटेम स्पीकर बनाया जाना चाहिए. वहीं विधासनभा अध्यक्ष के लिए दोनों दलों ने तैयारी कर ली है.

भाजपा ने विजय शाह को जिताने जिम्मेदारी राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को सौंपी है. असल में भाजपा की नजर निर्दलीय दलों पर है. क्योंकि मुख्यमंत्री के साथ बैठक के बाद भी उनकी नाराजगी कम नहीं हुई है. विधायक मंत्रीमंडल में जगह चाहते हैं.वहीं भाजपा ने आगे की रणनीति के लिए नरोत्तम मिश्रा, भूपेंद्र सिंह और विश्वास सारंग समेत अन्य नेताओं चर्चा की.

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