महज डेढ़ महीने में ही मंत्रियों के बोल से उद्धव हो गए हैं परेशान

राज्य में शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाई है। ठाकरे परिवार से राज्य में पहला मुख्यमंत्री बना है और यही अब उद्धव ठाकरे के लिए परेशानी बन रही है। कभी राज्य में मातोश्री महाराष्ट्र की राजनीति का केन्द्र हुआ करता था। लेकिन शिवसेना की अगुवाई वाली सरकार में सत्ता का विकेन्द्रीकरण हो गया।

Uddhav is upset due to the words of ministers in just one and a half month

मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे महज डेढ़ महीने के भीतर ही मंत्रियों और नेताओं के बेतुके बयान से परेशान होने लगे हैं। हालांकि उद्धव को शासन चलाने का अनुभव नहीं है। जबकि उसके साथ कैबिनेट के सहयोगियों को शासन और सरकार चलाने का अनुभव है। लिहाजा वह ऐसे बयान दे रहे हैं। जिसके कारण उद्धव की मुश्किलें तो बढ़ ही रही हैं। साथ ही पार्टी को जनता को जवाब देना पड़ रहा है।

Uddhav is upset due to the words of ministers in just one and a half month

राज्य में शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाई है। ठाकरे परिवार से राज्य में पहला मुख्यमंत्री बना है और यही अब उद्धव ठाकरे के लिए परेशानी बन रही है। कभी राज्य में मातोश्री महाराष्ट्र की राजनीति का केन्द्र हुआ करता था। लेकिन शिवसेना की अगुवाई वाली सरकार में सत्ता का विकेन्द्रीकरण हो गया। जिसके कारण राज्य के मंत्री अलग-अलग बयान दे रहे हैं और इसका जवाब शिवसेना को देना पड़ रहा है।

एक दिन पहले ही राज्य के कैबिनेट मंत्री अशोक चव्हाण ने विवादित बयान देते हुए कहा कि राज्य शिवसेना ने सरकार बनाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखित आश्वासन दिया है। जिसको राज्य की भाजपा ने बड़ा मुद्दा बनाते हुए उद्धव ठाकरे को घेरा है। भाजपा ने कहा कि कांग्रेस को शिवसेना पर भरोसा नहीं था और सरकार बनाने के लिए शिवसेना कांग्रेस के आगे झुक गई। हालांकि इससे पहले उद्धव ठाकरे के करीबी संजय राउत ने भी शिवसेना को मुश्किलों में डाला।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता और देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अंडरवर्ल्ड डॉन करीम लाला, हाजी मस्तान से मुलाक़ात की थी। वहीं कांग्रेस के नेता अशोक चाव्हाण ने बयान दिया कि कांग्रेस ने मुस्लिमों के कहने पर शिवसेना को समर्थन दिया और कुछ इस तरह का बयान एनसीपी चीफ ने भी दिया। जिसको लेकर शिवसेना की दिक्कतें बढ़ी हुई हैं। 

गौरतलब है कि 28 नवंबर 2019 को राज्य में उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री के पद की शपथ ली थी। जिसमें कांग्रेस और एनसीपी के विधायक शामिल हुए थे और वहीं एक महीने बाद उद्धव ठाकरे सरकार के कैबिनेट का विस्तार हुआ। लेकिन इसके बाद राज्य में मंत्री लगातार विवादित बयान दे रहे हैं। जिसको लेकर उद्धव ठाकरे परेशान हैं। क्योंकि राज्य में भाजपा इन्हें मुद्दा बना रही है और शिवसेना कोई जवाब नहीं दे पा रही है। माना जा रहा है कि बयानों को लेकर उद्धव ठाकरे और शरद पवार नाराज़ हैं और माना जा रहा है कि वह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से इस मामले  में बातचीत करेंगे।
 

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