राम मंदिर निर्माण को लेकर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने आज कहा कि हिन्दुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ भी नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि दिन, साल और पीढ़ियां बीती जा रही हैं लेकिन राम लला का मंदिर नहीं बन रहा है।
अयोध्या— अयोध्या में राम मंदिर को लेकर माहौल गरमा गया है। वीएचपी की धर्म सभा से एक दिन पूर्व शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भी राम की नगरी पहुंचे और कहा कि वे सरकार को जगाने आए हैं और वे राम मंदिर का श्रेय लेने नहीं निर्माण की तारीख जानने आए हैं।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे रविवार को रामलला का दर्शन किया, जिसके बाद उन्होंने प्रेस को संबोधित किया। पत्रकारों से मुखातिब होते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि कल से मैं अयोध्या में हूं। मेरी अयोध्या यात्रा सफल रही। संतों से मैंने कहा कि जो कार्य हम करने जा रहे हैं, वो आपके सहयोग के बिना पूरा नहीं हो सकता।
Ayodhya: Shiv Sena chief Uddhav Thackeray returns to the hotel after visiting the Ram Lalla temple earlier today. pic.twitter.com/Py0I4yPdKd
— ANI UP (@ANINewsUP)पूरा देश इंतजार कर रहा कि राम मंदिर कब बनेगा. हम कब तक इंतजार करेंगे। राम मंदिर निर्माण को लेकर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने आज कहा कि हिन्दुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ भी नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि दिन, साल और पीढ़ियां बीती जा रही हैं लेकिन राम लला का मंदिर नहीं बन रहा है।
ठाकरे ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि यहां मंदिर था, है और रहेगा। यही हमारी भी भावना है। 'लेकिन वह मंदिर दिखेगा कब? उसका जल्द से जल्द निर्माण होना चाहिए।'
उन्होंने कहा कि अब लोकसभा चुनाव के लिए कुछ ही महीने बाकी हैं। संसद का केवल एक सत्र बचा है। सरकार अध्यादेश लाए। शिवसेना हिन्दुत्व के लिए हमेशा से साथ दे रही है और आगे भी देगी। 'चाहे कानून लाइए या अध्यादेश, लेकिन मंदिर अवश्य बनाइए। हिन्दुओं की भावनाओं से खिलवाड़ नहीं होना चाहिए।'
ठाकरे ने कहा कि हिन्दू आज पूछ रहा है कि मंदिर कब बनेगा। साथ ही शिवसेना प्रमुख ने साफ किया कि वह राजनीति करने के लिए अयोध्या नहीं आए हैं और ना ही उनका कोई छिपा एजेंडा है।
उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय मिली जुली सरकार थी। उस समय ये काम नहीं हो सका, लेकिन वर्तमान सरकार मजबूत है और ये सरकार मंदिर निर्माण नहीं करेगी तो कौन करेगा?
मुंबई में उत्तर भारतीयों पर हमले के बारे में पूछे गये सवाल पर ठाकरे ने कहा कि डर की कोई भावना ना थी और ना आगे कभी रहेगी। 'आप मुंबई आकर देखो, मेरे साथ यहां कई उत्तर भारतीय आये हैं, वे मुझसे अच्छी मराठी बोलते होंगे।'