जहरीली शराब कांड के बाद सियासत गरमाई, सीएम योगी के निर्देश पर एसआईटी गठित

By Team MyNation  |  First Published Feb 11, 2019, 9:08 AM IST

जहरीली शराबकांड से इतनी बड़ी संख्या में हुई मौत के बाद हड़कंप मच गया है। अवैध शराब के खिलाफ ताबड़तोड़ पुलिस कार्रवाई की जा रही है। आबकारी विभाग के अनुसार 297 मुकदमे दर्ज करके 175 गिरफ्तार किए गए हैं। जिला प्रशासन के मुताबिक ये शराब पड़ोसी राज्य उत्तराखंड से लाई गई थी।

लखनऊ—उत्तर प्रदेश के सहारनपुर और कुशीनगर में जहरीली शाराब के कारण बड़ी संख्या में हुई मौत के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर एडीजी रेलवे संजय सिंघल के नेतृत्व में शराब कांड की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है।

इस बीच सहारनपुर व कुशीनगर में जहरीली शराब से पीने से हुई मौत के मामले में रविवार को दो पुलिस उपाधीक्षकों को निलंबित कर दिया। इसमें सहारनपुर जिले में सीओ देवबंद के पद पर तैनात सिद्धार्थ और कुशीनगर जिले में सीओ तमकुहीराज के पद पर तैनात रामकृष्ण तिवारी शामिल हैं।

जहरीली शराबकांड से इतनी बड़ी संख्या में हुई मौत के बाद हड़कंप मच गया है। अवैध शराब के खिलाफ ताबड़तोड़ पुलिस कार्रवाई की जा रही है। आबकारी विभाग के अनुसार 297 मुकदमे दर्ज करके 175 गिरफ्तार किए गए हैं। जिला प्रशासन के मुताबिक ये शराब पड़ोसी राज्य उत्तराखंड से लाई गई थी।

योगी ने कहा कि जहरीली शराब का रैकेट उत्तराखंड से संचालित हो रहा था इसलिए उन्होंने वहां के मुख्यमंत्री से बात की है। उन्होंने बताया कि सहारनपुर और कुशीनगर जिलों के आबकारी अधिकारियों सहित कई कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गयी है।

घटना की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने आबकारी एवं पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे जहरीली शराब कारोबार में लिप्त लोगों के खिलाफ 15 दिन का संयुक्त अभियान चलायें। उत्तर प्रदेश सरकार ने मृतकों के परिजन को दो-दो लाख रुपये तथा उपचार करा रहे लोगों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।

उधर जहरीली शराब प्रकरण को लेकर आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गये हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में कहा कि पूर्व में इस तरह की घटनाओं में सपा नेताओं का हाथ रहा है। वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग की।

योगी ने चेताया कि अवैध शराब के कारोबार में लिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी भले ही वे किसी भी राजनीतिक दल से संबद्ध क्यों ना हों। योगी ने कहा कि इस बार भी षड्यंत्र की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।

हालांकि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस घटना के लिए भाजपा सरकार की निन्दा करते हुए कहा कि विपक्ष ऐसी गतिविधियों की जानकारी सरकार को देता रहा है लेकिन सरकार ने कार्रवाई नहीं की क्योंकि उसके कुछ नेता इसमें शामिल थे।

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