मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ इस बार मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा सीट से चुनकर संसद पहुंचे हैं। लेकिन शपथग्रहण समारोह से पहले ही उनके व्यापारिक हितों को करारी चोट पहुंची है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने गाजियाबाद के उनके संस्थान आईएमटी(IMT) का सैकड़ों करोड़ का भूमि आवंटन रद्द कर दिया है।
गाजियाबाद: दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में देश के सबसे अमीर सांसद नकुलनाथ का इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेन्ट टेक्नोलॉजी(आईएमटी) है। यह कमलनाथ के परिवार की संपत्ति है जिसके प्रेसिडेन्ट नकुलनाथ हैं।
इस संस्थान के खिलाफ बीजेपी नेता और निगम पार्षद राजेन्द्र त्यागी ने शिकायत दर्ज कराई थी। जिसपर कार्रवाई करते हुए गाजियाबाद विकास प्राधिकरण यानी जीडीए ने IMT का 10841(दस हजार आठ सौ एकतालीस) हेक्टेयर जमीन का आवंटन रद्द कर दिया। अब इस जमीन पर बने हुए निर्माण कार्य को भी ध्वस्त किया जा सकता है।
दरअसल यह जमीन लाजपत राय कॉलेज के नाम से आवंटित की गई थी। लेकिन इस पर कई सालों से इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेन्ट टेक्नोलॉजी(आईएमटी) का बोर्ड लगा हुआ था। यह जमीन नकुलनाथ की आईएमटी के स्वामित्व में थी।
इस मामले में कार्रवाई की मांग बहुत दिनों से चल रही थी। निगम पार्षद राजेन्द्र त्यागी ने इस धोखाधड़ी के खिलाफ आवाज उठाते हुए यूपी के राज्यपाल राम नाईक से जांच कराने की मांग की थी। जिसके बाद राज्यपाल नाईक ने मुख्यमंत्री योगी को पत्र लिखकर सीबीआई जांच कराने की मांग की थी।
इस मामले में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ ने अपने स्तर से जांच शुरु कर दी है। दरअसल जिस लाजपत राय कॉलेज के नाम से जमीन आवंटित थी, वह चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय यानी सीसीयू से मान्यता प्राप्त है। सीसीयू ने इस मामले में जांच के लिए चार सदस्यों की कमिटी बनाई है।
इस मामले में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने भी जांच कराई थी। जिसमें जमीन पर अवैध कब्जा होने की पुष्टि हो चुकी है।
आईएमटी के मालिक नकुलनाथ नवनिर्वाचित लोकसभा के सबसे अमीर सांसद हैं उनकी कुल संपत्ति 660 करोड़ रुपए की है। वह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और बड़े कांग्रेसी नेता कमलनाथ के बेटे हैं। उन्होंने अपने पिता कमलनाथ की पुरानी छिंदवाड़ा सीट से लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की है।