अकसर अपने बयान से सुर्खियों में रहने वाले मुस्लिम नेता और उत्तर प्रदेश सेंट्रल शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिज़वी ने एक बार फिर मदरसों को लेकर बड़ा बयान दिया है. रिजवी ने कहा कि देश में मदरसों को बंद किया जाना चाहिए
अकसर अपने बयान से सुर्खियों में रहने वाले मुस्लिम नेता और उत्तर प्रदेश सेंट्रल शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिज़वी ने एक बार फिर मदरसों को लेकर बड़ा बयान दिया है. रिजवी ने कहा कि देश में मदरसों को बंद किया जाना चाहिए और अगर इन्हें बंद नहीं किया गया तो इसमें पढ़ने वाले आधे से ज्यादा मुस्लिम आईएसआईएस समर्थक बन जाएंगे. उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी पत्र लिखा है. रिज़वी ने लिखा कि मदरसों में बच्चों को बाकियों से अलग कर कट्टरपंथी सोच के तहत तैयार किया जाता है.
रिजवी इससे पहले भी पीएम और राज्य के सीएम को पत्र लिख चुके हैं. जिसको लेकर जबरदस्त विरोध हुआ था. मुस्लिम नेताओं ने रिजवी के खिलाफ रिपोर्ट तक दर्ज करा दी थी. रिजवी ने पिछले साल मुस्लिम संगठनों को पत्र लिखकर कई मस्जिदों से अपना दावा वापस लेने को कहा था.रिजवी का कहना था कि तथ्यों के मुताबिक ये मंदिर थे और जिन्हें मुस्लिम राजाओं को शक्ति के बल पर मुस्जिद बना दिया था. जबकि कुरान के मुताबिक किसी की वस्तु को कब्जाकर नमाज नहीं पढ़ी जा सकती है. अब फिर रिजवी ने पीएम को पत्रकर कर राज्य की राजनीति को गर्मा दिया है. रिजवी ने लिखा है कि देश में प्राथमिक मदरसे बंद होने चाहिए और
अगर ना हुए तो अगले 15 सालों में देश का आधे से ज्यादा मुसलमान आईएसआईएस का समर्थक हो जाएगा. उनका कहना है कि हाई स्कूल के बाद धार्मिक तालीम के लिए मदरसे भेजा जाना चाहिए. उन्होंने कहा था कि 'कुछ मरदसों में आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली गतिविधियां हैं, जो बंद होनी चाहिए. यह वह नहीं कह रहे हैं, यह तो साफ-साफ सरकार की रिपोर्ट कह रही है. कुछ लोग अपने निजी स्वार्थ के लिए ऐसे मदरसे चलाना चाहते हैं, इसलिए मुस्लिम समाज को भड़काकर समाज को उनका दुश्मन बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अब सोशल मीडिया पर पूरे देशभर के मुस्लिम समाज से उन्हें धमकियां मिल रही हैं.