असल में राज्य में रोजाना नए नए सस्पेंस सामने आ रहे हैं और राज्य की अशोक गहलोत सरकार विधायकों की बाड़ाबंदी कर उन्हें अपने पक्ष में रखना चाहती है। लिहाजा कांग्रेस और राज्य के सीएम अशोक गहलोत ने अपने समर्थक विधायकों को जैसलमेर भेज दिया है और इसके बाद राजस्थान की राजनीति का नया ठिकाना जैसलमेर बन गया है।
जयपुर। राजस्थान के सियासी घमासान जारी है और राज्य में सरकार बचाने के लिए मौजूदा अशोक गहलोत सरकार सभी तरह के जतन कर रही है। ताकि विधायक बागी विधायकों का समर्थन करें। वह राज्य में 14 अगस्त से विधानसभा सत्र शुरू होने वाला है और अब कांग्रेस ने विधायकों को जैसलमेर भेज दिया है। वहीं अभी तक 12 विधायक वहीं नहीं पहुंचे हैं। हालांकि सरकार की तऱफ से दावा किया जा रहा है कि विधायक और मंत्री आज वहां पहुंचेंगे।
असल में राज्य में रोजाना नए नए सस्पेंस सामने आ रहे हैं और राज्य की अशोक गहलोत सरकार विधायकों की बाड़ाबंदी कर उन्हें अपने पक्ष में रखना चाहती है। लिहाजा कांग्रेस और राज्य के सीएम अशोक गहलोत ने अपने समर्थक विधायकों को जैसलमेर भेज दिया है और इसके बाद राजस्थान की राजनीति का नया ठिकाना जैसलमेर बन गया है। असल में सरकार को डर है कि जयपुर में उसके विधायकों पर सेंधमारी हो सकती है। लिहाजा विधायकों को जयपुर के बाहरी सीमा में स्थित होटल फेयरमाउंट से जैसलमेर के होटल सूर्यागढ़ में शिफ्ट कर दिया है।
हालांकि अभी तक यहां पर 12 विधायक नहीं पहुंचे हैं और कहा जा रहा है कि अभी तक यहां पर गहलोत सरकार के 7 मंत्री और 5 विधायक मौजूद नहीं है। जबकि 89 विधायक जैसलमेर पहुंच गए हैं हालांकि सरकार की तरफ से दावा किया जा रहा है कि ये सभी आज (शनिवार) को जैसलमेर को पहुंचेंगे। इन मंत्रियों और विधायकों में प्रतापसिंह, रघु शर्मा, अशोक चांदना, लालचंद कटारिया, उदयलाल आंजना और विधायक जगदीश जांगिड़, अमित चाचाण, परसराम मोरदिया, बाबूलाल बैरवा, बलवान पूनियां शामिल हैं।
चार्टर प्लेन में खराबी के कारण नहीं पहुंचे विधायक और मंत्री
कांग्रेस खेमे के पदाधिकारियों का दावा है कि चार्टर प्लेन में तकनीकी खराबियों के कारण विधायक और मंत्री वहां नहीं पहुंच से। सरकार ने विधायकों को जैसलमेर लाने के लिए तीन चार्टर लगाए गए थे। लेकिन प्लेन में खराबी आने के कारण मुख्य सचेतक और 6 मंत्री जयपुर ही रुक गए। वहीं 3 विधायक भी नहीं जा सकें।