आखिर तेजस्वी यादव ने क्यों बनाई है चुनाव प्रचार से दूरी

By Team MyNation  |  First Published Apr 17, 2019, 7:52 AM IST

तेजस्वी यादव पिछले दिन दिनों से चुनाव प्रचार में सक्रिय नहीं हैं। मंगलवार राज्य की पांच लोकसभा सीटों के लिए प्रचार खत्म हो गया और तेजस्वी दो दिन तक इन क्षेत्रों से गायब रहे। जबकि चुनाव में आखिरी दिनों का प्रचार काफी अहम माना जाता है। तेजस्वी की सक्रियता में उतनी तेजी नहीं दिख रही हैं जैसी कुछ दिनों पहले देखी जा रही थी। 

बिहार में राष्ट्रीय जनता दल के स्टार प्रचारक तेजस्वी यादव लोकसभा चुनाव के प्रचार से दूरी बनाए हुए हैं, जबकि राज्य में पार्टी के लिए ये चुनाव जीवनमरण का सवाल है। लालू प्रसाद यादव जेल में हैं और पार्टी की कमान एक तरह से तेजस्वी के हाथ में हैं। उसके बावजूद तेजस्वी उस उत्साह से पार्टी का प्रचार नहीं कर रहे हैं, जिसकी उम्मीद उनके की जा रही थी।

जानकारी के मुताबिक तेजस्वी यादव पिछले दिन दिनों से चुनाव प्रचार में सक्रिय नहीं हैं। मंगलवार राज्य की पांच लोकसभा सीटों के लिए प्रचार खत्म हो गया और तेजस्वी दो दिन तक इन क्षेत्रों से गायब रहे। जबकि चुनाव में आखिरी दिनों का प्रचार काफी अहम माना जाता है। तेजस्वी की सक्रियता में उतनी तेजी नहीं दिख रही हैं जैसी कुछ दिनों पहले देखी जा रही थी। कांग्रेस और राज्य के छोटे दलों के साथ चुनावी गठबंधन के लिए तेजस्वी सबसे ज्यादा सक्रिय थे। तेजस्वी पटना से लेकर दिल्ली तक सक्रिय थे।

लिहाजा राज्य में कांग्रेस और अन्य दलों के साथ आरजेडी ने गठबंधन किया। सूत्रों के मुताबिक पिछले चार दिनों में तेजस्वी सहयोगी दलों की छह लोकसभा सीट और आरजेडी के चार सीटों के प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार में तेजस्वी नहीं गए। जबकि उनका पहले से कार्यक्रम तय था। हालांकि पार्टी के नेता इसके लिए हेलीकॉप्टर में खराबी को बड़ी वजह बता रहे हैं साथ ही नेताओं को कहना है कि स्वास्थ्य कारणों से भी वह प्रचार नहीं कर पा रहे हैं। तेजस्वी की सक्रियता में कमी आने से आरजेडी के कार्यकर्ताओं का जोश कम हो रहा है और इसको लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।

लेकिन इतना तो तय है कि बिहार के सबसे ज्यादा ताकतवर राजनैतिक परिवार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। असल में एकाएक तेजस्वी की सक्रियता में कमी आना क्या संकेत दे रहा है। क्या लालू यादव परिवार में पारिवारिक विवाद इतना बढ़ गया है कि वह चुनाव प्रचार पर हावी हो गया है। जिसके कारण तेजस्वी भी ज्यादा सक्रिय नहीं हो रहे हैं या फिर राज्य गठबंधन हो जाने के बाद भी सहयोगी दलों का समर्थन नहीं के बराबार मिल रहा है, जिसकी उम्मीद तेजस्वी ने की थी। हालांकि तात्कालिक तौर पर कारण कई दिख रहे हैं।

पहला कांग्रेस और अन्य सहयोगी दलों में चुनाव प्रचार में ज्यादा समन्वय नहीं है। हर पार्टी अपने प्रत्याशी के प्रचार को तवज्जो दे रही है। दूसरा कार्यकर्ताओं की महागठबंधन उम्मीदवारों के पक्ष में आक्रामकता में कमी आ रही है। नेताओं और कार्यकर्ताओं में इसको लेकर काफी बेचैनी है। तीसरे कारण के तौर पर देखा जाए तो पारिवारिक विवाद का आलम ये है कि तेजस्वी के बड़े भाई तेज प्रताप यादव अपने ससुर चंद्रिका राय की सारण विरोध कर रहे हैं जबकि उनका टिकट लालू प्रसाद यादव ने तय किया है। तेज प्रताप के विरोध के कारण ही तेजस्वी को वहां पर प्रचार स्थगित करना पड़ा। तेजप्रताप ने लालू राबड़ी मोर्चा बना खुलेआम राजद के खिलाफ अपने चुनावी अभियान की शुरुआत कर दी। 
 

click me!